आज का पंचांग, दिनांक 10/05/2024, दिन शुक्रवार


     

                  ।। 🕉 ।।

     🚩🌞 सुप्रभातम् 🌞🚩

📜««« आज का पंचांग »»»📜

कलियुगाब्द.......................5126

विक्रम संवत्......................2081

शक संवत्.........................1946

मास................................बैशाख

पक्ष..................................शुक्ल

तिथी...............................तृतीया

रात्रि 12.53 पर्यंत पश्चात चतुर्थी

रवि..............................उत्तरायण

सूर्योदय..........प्रातः 05.48.55 पर

सूर्यास्त.........संध्या 06.58.00 पर

सूर्य राशि..............................मेष

चन्द्र राशि...........................वृषभ

गुरु राशि...............................मेष

नक्षत्र...............................रोहिणी

प्रातः 10.48 पर्यंत पश्चात मृगशीर्ष

योग...............................अतिगंड

दोप 12.08 पर्यंत पश्चात सुकर्मा

करण................................तैतिल

दोप 03.35 पर्यंत पश्चात गरज

ऋतु........................(माधव) वसंत

दिन................................शुक्रवार


🇬🇧 आंग्ल मतानुसार :-

10 मई सन 2024 ईस्वी ।


🚩 अक्षय तृतीया (श्री परशुराम प्रकटोत्सव) :


मदनरत्न के अनुसार :

“अस्यां तिथौ क्षयमुर्पति हुतं न दत्तं। तेनाक्षयेति कथिता मुनिभिस्तृतीया॥

उद्दिष्य दैवतपितृन्क्रियते मनुष्यैः। तत् च अक्षयं भवति भारत सर्वमेव॥


अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है । इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है । वैसे तो सभी बारह महीनों की शुक्ल पक्षीय तृतीया शुभ होती है, किंतु वैशाख माह की तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में मानी गई है। भविष्य पुराण के अनुसार इस तिथि की युगादि तिथियों में गणना होती है, सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ इसी तिथि से हुआ है । भगवान विष्णु ने नर-नारायण, हयग्रीव और परशुराम जी का अवतरण भी इसी तिथि को हुआ था । ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का आविर्भाव भी इसी दिन हुआ था । इस दिन श्री बद्रीनाथ जी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है और श्री लक्ष्मी नारायण के दर्शन किए जाते हैं।  प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बद्रीनारायण के कपाट भी इसी तिथि से ही पुनः खुलते हैं। 

वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी जी मन्दिर में भी केवल इसी दिन श्री विग्रह के चरण दर्शन होते हैं, अन्यथा वे पूरे वर्ष वस्त्रों से ढके रहते हैं। इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था और द्वापर युग का समापन भी इसी दिन हुआ था। ऐसी मान्यता है कि इस दिन से प्रारम्भ किए गए कार्य अथवा इस दिन को किए गए दान का कभी भी क्षय नहीं होता।  इस दिन से शादी-ब्याह करने की शुरुआत हो जाती है। बड़े-बुजुर्ग अपने पुत्र-पुत्रियों के लगन का मांगलिक कार्य आरंभ कर देते हैं। अनेक स्थानों पर छोटे बच्चे भी पूरी रीति-रिवाज के साथ अपने गुड्‌डा-गुड़िया का विवाह रचाते हैं। इस प्रकार गाँवों में बच्चे सामाजिक कार्य व्यवहारों को स्वयं सीखते व आत्मसात करते हैं।

स्कंद पुराण और भविष्य पुराण में उल्लेख है कि वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को रेणुका के गर्भ से भगवान विष्णु ने परशुराम रूप में जन्म लिया। कोंकण और चिप्लून के परशुराम मंदिरों में इस तिथि को परशुराम जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। दक्षिण भारत में परशुराम जयंती को विशेष महत्व दिया जाता है। परशुराम जयंती होने के कारण इस तिथि में भगवान परशुराम के आविर्भाव की कथा भी सुनी जाती है। इस दिन परशुराम जी की पूजा करके उन्हें अर्घ्य देने का बड़ा माहात्म्य माना गया है। सौभाग्यवती स्त्रियाँ और क्वारी कन्याएँ इस दिन गौरी-पूजा करके मिठाई, फल और भीगे हुए चने बाँटती हैं, गौरी-पार्वती की पूजा करके धातु या मिट्टी के कलश में जल, फल, फूल, तिल, अन्न आदि लेकर दान करती हैं। मान्यता है कि इसी दिन जन्म से ब्राह्मण और कर्म से क्षत्रिय भृगुवंशी परशुराम का जन्म हुआ था। एक कथा के अनुसार परशुराम की माता और विश्वामित्र की माता के पूजन के बाद प्रसाद देते समय ऋषि ने प्रसाद बदल कर दे दिया था। जिसके प्रभाव से परशुराम ब्राह्मण होते हुए भी क्षत्रिय स्वभाव के थे और क्षत्रिय पुत्र होने के बाद भी विश्वामित्र ब्रह्मर्षि कहलाए। उल्लेख है कि सीता स्वयंवर के समय परशुराम जी अपना धनुष बाण श्री राम को समर्पित कर संन्यासी का जीवन बिताने अन्यत्र चले गए। अपने साथ एक फरसा रखते थे तभी उनका नाम परशुराम पड़ा।


☸ शुभ अंक........................1

🔯 शुभ रंग...............आसमानी


⚜️ अभिजीत मुहूर्त :-

दोप 11.57 से 12.49 बजे तक ।


👁‍🗨 राहुकाल (अशुभ) :-

प्रात: 10.45 से 12.23 तक । 


🚦 दिशाशूल :-

पश्चिमदिशा - यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें। 


🌞 उदय लग्न तालिका -

मेष

04:29:58 - 06:11:26

वृषभ

06:11:26 - 08:09:34

मिथुन

08:09:34 - 10:23:16

कर्क

10:23:16 - 12:39:26

सिंह

12:39:26 - 14:51:14

कन्या

14:51:14 - 17:01:54

तुला

17:01:54 - 19:16:32

वृश्चिक

19:16:32 - 21:32:42

धनु

21:32:42 - 23:38:18

मकर

23:38:18 - 25:25:25

कुम्भ

25:25:25 - 26:58:58

मीन

26:58:58 - 28:29:58


✡ चौघडिया :-

प्रात: 07.29 से 09.06 तक लाभ

प्रात: 09.06 से 10.44 तक अमृत

दोप. 12.22 से 02.00 तक शुभ

सायं 05.15 से 06.53 तक चंचल

रात्रि 09.37 से 10.59 तक लाभ । 


📿 आज का मंत्रः

॥ ॐ परमात्मने नमः॥


📢 सुभाषितानि :-

श्रीमद्भगवतगीता (पञ्चमोऽध्यायः - कर्मसंन्यासयोगः) -

प्रशान्तात्मा विगतभी- र्ब्रह्मचारिव्रते स्थितः।

मनः संयम्य मच्चित्तो युक्त आसीत मत्परः॥६-१४॥ 

अर्थात :

शांत मन वाला, भयरहित, ब्रह्मचारी के व्रत में स्थित, मन को संयम में रखते हुए योगी मुझ में चित्त वाला होकर स्थित रहे॥14॥


🍃 आरोग्यं :-

अदरक के लाभ :


1. हृदय रोग:

अदरक का रस तथा शहद, दोनों को मिलाकर नित्य उंगली से धीरे-धीरे चाटें। दोनों की मात्रा आधा-आधा चम्मच होनी चाहिए। इससे हृदय रोग में लाभ मिलता है।

अदरक का रस और पानी सममात्रा में मिलाकर सेवन करने से हृदय रोग मिटता है। 


2. मस्सा और तिल:

अदरक के एक छोटे से टुकड़े को काटकर छील लें और उसकी नोक बना लें। फिर मस्से पर थोड़ा सा चूना लगाकर अदरक की नोक से धीरे-धीरे घिसने से मस्सा बिना किसी आप्रेशन के कट जायेगा और त्वचा पर कोई निशान भी नहीं पडे़गा। बस शुरू में थोड़ी सी सूजन आयेगी।


⚜ आज का राशिफल :- 


🐏 राशि फलादेश मेष :-

(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)

भागदौड़ अधिक रहेगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। मेहनत अधिक होगी। लाभ में कमी रह सकती है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय-व्यापार मनोनुकूल चलेगा। आय बनी रहेगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा, सावधानी रखें। बुरी खबर मिल सकती है।


🐂 राशि फलादेश वृष :-

(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

मान-सम्मान मिलेगा। मेहनत का फल मिलेगा। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। शत्रु तथा ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधानी आवश्यक है। समय की अनुकूलता है। सामाजिक कार्य करने का मन लगेगा।


👫 राशि फलादेश मिथुन :-

(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)

पुरानी संगी-साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। फालतू खर्च होगा। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। आत्मसम्मान बना रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भाइयों का सहयोग मिलेगा। कारोबार से लाभ होगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। जल्दबाजी न करें।


🦀 राशि फलादेश कर्क :-

(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से मनोनुकूल लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। कोई बड़ा काम होने से प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। उत्साह रहेगा।


🦁 राशि फलादेश सिंह :-

(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

दुष्टजनों से सावधानी आवश्यक है। फालतू खर्च पर नियंत्रण नहीं रहेगा। हल्की मजाक करने से बचें। अपेक्षित काम में विलंब होगा। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। अपने काम से काम रखें। लाभ के अवसर मिलेंगे। विवेक का प्रयोग करें। आय में वृद्धि होगी।


👩🏼‍🦰 राशि फलादेश कन्या :-

(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

यात्रा लाभदायक रहेगी। संतान पक्ष से बुरी खबर मिल सकती है। डूबी हुई रकम प्राप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। नौकरी में प्रशंसा मिलेगी। जल्दबाजी से काम बिगड़ सकते हैं। नए उपक्रम प्रारंभ करने संबंधी योजना बनेगी।


⚖ राशि फलादेश तुला :-

(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

सामाजिक कार्य करने में मन लगेगा। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। शेयर मार्केट, म्युचुअल फंड से लाभ होगा। आय में वृद्धि होगी। मान-सम्मान मिलेगा। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें।


🦂 राशि फलादेश वृश्चिक :-

(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

चोट व रोग से कष्ट हो सकता है। बेचैनी रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। परिवार तथा मित्रों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।


🏹 राशि फलादेश धनु :-

(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)

चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। किसी व्यक्ति विशेष से कहासुनी हो सकती है। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। दौड़धूप रहेगी। नकारात्मकता हावी रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।


🐊 राशि फलादेश मकर :-

(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

यात्रा लाभदायक रहेगी। राजकीय सहयोग मिलेगा। सरकारी कामों में सहूलियत होगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। घर में सुख-शांति रहेंगे। कारोबारी अनुबंध हो सकते हैं। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों से सहयोग मिलेगा। झंझटों में न पड़ें।


🏺 राशि फलादेश कुंभ :-

(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

ऐश्वर्य के साधनों पर खर्च होगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। शारीरिक कष्ट संभव है। भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। विवेक से कार्य करें।


🐋 राशि फलादेश मीन :-

(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। आनंद के साथ समय व्यतीत होगा। मनपसंद व्यंजनों का लाभ मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। किसी व्यक्ति से बहस हो सकती है। आशंका-कुशंका से बाधा होगी।


☯️ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।


🐚।। शुभम भवतु ।।🐚


🇮🇳🇮🇳 भारत माता की जय 

https://youtu.be/AG3BVohMdbk

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आज का पंचांग,शुक्रवार

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