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🌞सुप्रभातम🌞
🌞आज का पञ्चांग🌞
दिनाँक:- 12/05/2024, रविवार
पंचमी, शुक्ल पक्ष,
वैशाख
(समाप्ति काल)
तिथि----------- पंचमी 26:03:12 तक
पक्ष------------------------ शुक्ल
नक्षत्र----------- आर्द्रा 10:25:36
योग-------------- धृति 08:32:12
करण--------------बव 13:57:26
करण----------- बालव 26:03:12
वार----------------------- रविवार
माह----------------------- वैशाख
चन्द्र राशि--------मिथुन 29:04:02
चन्द्र राशि------------------ कर्क
सूर्य राशि-------------------- मेष
रितु-------------------------ग्रीष्म
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर-------------------- क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)------------- कालयुक्त
विक्रम संवत-------------- 2081
गुजराती संवत------------ 2080
शक संवत---------------- 1946
कलि संवत---------------- 5125
सूर्योदय--------------- 05:33:15
सूर्यास्त---------------- 18:58:11
दिन काल------------- 13:24:56
रात्री काल--------------10:34:27
चंद्रोदय--------------- 08:53:43
चंद्रास्त---------------- 23:32:00
लग्न---- मेष 27°34' , 27°34'
सूर्य नक्षत्र----------------- कृत्तिका
चन्द्र नक्षत्र------------------- आर्द्रा
नक्षत्र पाया------------------- रजत
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
छ---- आर्द्रा 10:25:36
के---- पुनर्वसु 16:35:32
को---- पुनर्वसु 22:48:21
हा---- पुनर्वसु 29:04:02
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मेष 27:10, कृतिका 1 अ
चन्द्र= मिथुन 17:30 , आर्द्रा 4 छ
बुध =मेष 01:53' अश्विनी 1 चू
शु क्र= मेष 21°05, भरणी ' 3 ले
मंगल=मीन 14°30 ' उoभाo' 4 ञ
गुरु=वृषभ 02°30 कृतिका , 2 ई
शनि=कुम्भ 23°00 ' पू o भा o ,2 सो
राहू=(व) मीन 19°45 रेवती , 1 दे
केतु=(व) कन्या 19°45 हस्त , 3 ण
🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮
राहू काल 17:18 - 18:58 अशुभ
यम घंटा 12:16 - 13:56 अशुभ
गुली काल 15:37 - 17: 18अशुभ
अभिजित 11:49 - 12:43 शुभ
दूर मुहूर्त 17:11 - 18:05 अशुभ
वर्ज्यम 22:48 - 24:28* अशुभ
प्रदोष 18:58 - 21:06 शुभ
💮चोघडिया, दिन
उद्वेग 05:33 - 07:14 अशुभ
चर 07:14 - 08:54 शुभ
लाभ 08:54 - 10:35 शुभ
अमृत 10:35 - 12:16 शुभ
काल 12:16 - 13:56 अशुभ
शुभ 13:56 - 15:37 शुभ
रोग 15:37 - 17:18 अशुभ
उद्वेग 17:18 - 18:58 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
शुभ 18:58 - 20:18 शुभ
अमृत 20:18 - 21:37 शुभ
चर 21:37 - 22:56 शुभ
रोग 22:56 - 24:15* अशुभ
काल 24:15* - 25:35* अशुभ
लाभ 25:35* - 26:54* शुभ
उद्वेग 26:54* - 28:13* अशुभ
शुभ 28:13* - 29:33* शुभ
💮होरा, दिन
सूर्य 05:33 - 06:40
शुक्र 06:40 - 07:47
बुध 07:47 - 08:54
चन्द्र 08:54 - 10:02
शनि 10:02 - 11:09
बृहस्पति 11:09 - 12:16
मंगल 12:16 - 13:23
सूर्य 13:23 - 14:30
शुक्र 14:30 - 15:37
बुध 15:37 - 16:44
चन्द्र 16:44 - 17:51
शनि 17:51 - 18:58
🚩होरा, रात
बृहस्पति 18:58 - 19:51
मंगल 19:51 - 20:44
सूर्य 20:44 - 21:37
शुक्र 21:37 - 22:30
बुध 22:30 - 23:23
चन्द्र 23:23 - 24:15
शनि 24:15* - 25:08
बृहस्पति 25:08* - 26:01
मंगल 26:01* - 26:54
सूर्य 26:54* - 27:47
शुक्र 27:47* - 28:40
बुध 28:40* - 29:33
🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩
मेष > 03:16 से 04:54 तक
वृषभ > 04:54 से 06:28 तक
मिथुन > 06:28 से 09:12 तक
कर्क > 09:12 से 11:00 तक
सिंह > 11:00 से 13:36 तक
कन्या > 13:36 से 15:46 तक
तुला > 15:46 से 17:52 तक
वृश्चिक > 17:52 से 20:16 तक
धनु > 20:16 से 22:10 तक
मकर > 22:10 से 00:22 तक
कुम्भ > 00:22 से 01:42 तक
मीन > 01:42 से 03:16 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान-------------पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
5 + 1 + 1 = 7 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
5 + 5 + 5 = 15 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
आद्य शंकराचार्य जयंती
श्री सूरदास जयंती
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
सुसिध्दमौषधं धर्मं गृहच्छिद्रं च मैथुनम् ।
कुभुक्तं कुश्रुतं चैव मतिमान्न प्रकाशयेत् ।।
।। चा o नी o।।
जो व्यक्ति बुद्धिमान है वह निम्न लिखित बाते किसी को ना बताये...
वह औषधि उसने कैसे बनायीं जो अच्छा काम कर रही है.
वह परोपकार जो उसने किया.
उसके घर के झगडे.
उसकी उसके पत्नी के साथ होने वाली व्यक्तिगत बाते.
उसने जो ठीक से न पका हुआ खाना खाया.
जो गालिया उसने सुनी.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: आत्मसंयम योग अo-06
योगी युञ्जीत सततमात्मानं रहसि स्थितः ।,
एकाकी यतचित्तात्मा निराशीरपरिग्रहः ॥,
मन और इन्द्रियों सहित शरीर को वश में रखने वाला, आशारहित और संग्रहरहित योगी अकेला ही एकांत स्थान में स्थित होकर आत्मा को निरंतर परमात्मा में लगाए॥,10॥,
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐂मेष
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामजिक कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। प्रतिष्ठा वृद्धि होगी। सुख के साधन जुटेंगे। नौकरी में वर्चस्व स्थापित होगा। आय के स्रोत बढ़ सकते हैं। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। घर-बाहर सहयोग व प्रसन्नता में वृद्धि होगी।
🐏वृष
यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। बगैर मांगे किसी को सलाह न दें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। धनार्जन होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। अज्ञात भय व चिंता रहेंगे।
👫मिथुन
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। व्यवस्था नहीं होने से परेशानी रहेगी। व्यवसाय में कमी होगी। नौकरी में नोकझोंक हो सकती है। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। थकान महसूस होगी। अपेक्षित कार्यों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी।
🦀कर्क
जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। जुए, सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें। निवेश शुभ रहेगा। प्रमाद न करें। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें।
🐅सिंह
पूजा-पाठ व सत्संग में मन लगेगा। आत्मशांति रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। मातहतों का सहयोग मिलेगा। किसी सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। दूसरे के काम में दखल न दें।
🙍♀️कन्या
स्थायी संपत्ति की खरीद-फरोख्त से बड़ा लाभ हो सकता है। प्रतिद्वंद्विता रहेगी। पार्टनरों का सहयोग समय पर मिलने से प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक-ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी। चोट व रोग से बाधा संभव है। दूसरों के काम में दखलंदाजी न करें।
⚖️तुला
मन की चंचलता पर नियंत्रण रखें। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल रहेगी। जीवनसाथी पर आपसी मेहरबानी रहेगी। जल्दबाजी में धनहानि हो सकती है। व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में सुकून रहेगा। निवेश लाभप्रद रहेगा। कार्य बनेंगे। घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे।
🦂वृश्चिक
क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। पुराना रोग बाधा का कारण रहेगा। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। छोटी सी गलती से समस्या बढ़ सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा। मित्र व संबंधी सहायता करेंगे। आय बनी रहेगी। जोखिम न लें।
🏹धनु
पार्टी व पिकनिक की योजना बनेगी। मित्रों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।
🐊मकर
घर-बाहर अशांति रहेगी। कार्य में रुकावट होगी। आय में कमी तथा नौकरी में कार्यभार रहेगा। बेवजह लोगों से कहासुनी हो सकती है। दु:खद समाचार मिलने से नकारात्मकता बढ़ेगी। व्यवसाय से संतुष्टि नहीं रहेगी। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाज न करें।
🍯कुंभ
दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। व्यवसाय में जल्दबाजी से काम न करें। चोट व दुर्घटना से बचें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर स्थिति मनोनुकूल रहेगी। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। वस्तुएं संभालकर रखें।
🐟मीन
प्रयास सफल रहेंगे। किसी बड़े कार्य की समस्याएं दूर होंगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। कर्ज में कमी होगी। संतुष्टि रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। अपना प्रभाव बढ़ा पाएंगे। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य न करें।
🚩आपका दिन मंगलमय हो
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🚩🌺मातृ दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं और बहुत बहुत बधाईयां🚩🌺
*🚩🌺 माँ 🚩🌺
🚩🌺"माँ" शब्द ही हमारे दिल में प्यार जगा देता है। हमारी माँ का प्यार भरा चेहरा हमारी आँखों के सामने आ जाता है। अराजकता की इस दुनिया में, वह शांति है। फिर भी हम उसे कितना जानते हैं?
🚩🌺हमें याद नहीं कि हमारा जन्म कब हुआ था. लेकिन हम सभी के पास अपने बचपन की यादें हैं जिनमें हम उसे बहुत स्पष्ट रूप से देखते हैं। कभी-कभी वह हमें प्यार कर रही होती है, कभी-कभी वह हमें डांट रही होती है और कभी-कभी हमें सज़ा भी मिल रही होती है। लेकिन वह कभी भी इतनी कठोर नहीं होती कि यह उसके प्यार पर हावी हो जाए।
🚩🌺वह बिल्कुल अद्भुत है. वह हर दिन हमें देखती है और फिर भी कभी बोर नहीं होती। उसका प्यार बहुत निष्पक्ष है. जब दूसरे आलोचना करेंगे तो वह हमारा बचाव करेगी। फिर भी जब हम अकेले होंगे, वह अपनी अच्छी सलाह देगी।
🚩🌺लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं और खुद को परिपक्व कहते हैं, हम उसके प्यार को तर्कसंगत बनाना शुरू कर देते हैं। हम उसके प्यार को हल्के में लेते हैं। हम खुद से कहते हैं, "माँ हमेशा अपने बच्चों से प्यार करती हैं। इसमें बड़ी बात क्या है? " फिर हम हमारे प्रति उसके प्यार की तुलना "कितना..?" से करने लगते हैं। हम हमारे प्रति उसके प्यार की तुलना हमारे भाई-बहनों के प्रति उसके प्यार से करने लगते हैं।
🚩🌺लेकिन क्या हम सचमुच कभी उसके प्यार को माप सकते हैं?
🚩🌺माँ त्याग की प्रतिमूर्ति है. उनका जीवन हमेशा उनके परिवार के इर्द-गिर्द केंद्रित रहता है। वह काम पर जाती है, घर संभालती है, खाना बनाती है, मेहमानों का मनोरंजन करती है और फिर भी वह अपने बच्चों के साथ पर्याप्त समय नहीं बिताने के लिए दोषी महसूस करती है। वह हमसे यह पूछने से पहले कभी भी अपने लिए खरीदारी नहीं करती कि क्या हमें कुछ नया चाहिए। फिर भी हम कितनी बार उस पर ध्यान देते हैं?
🚩🌺जब कोई असहमति उत्पन्न होती है तो हम अपना आपा खो देते हैं। जब वह हमसे सवाल करती है तो हम अधीर हो जाते हैं. हम बस उससे कहते हैं "ओह! तुम नहीं समझोगे!" हम उसे एक बार और समझाने का इंतज़ार नहीं करते।
🚩🌺इस पूरे सफर में हम भूल जाते हैं कि वह भी एक इंसान है। यहां तक कि वह भी अपनी खुद की जिंदगी की हकदार है।' यहां तक कि वह भी कभी-कभार गलतियां कर सकती है और हम उसके लिए उसे माफ कर सकते हैं। यहाँ तक कि उसे भी सिर्फ अपने लिए खुश रहने का अधिकार है।
🌺आइए हम उसे मातृत्व के नाम पर कुचलें नहीं। आइए हम सहयोगी बनें।
🌺आइए हम उसे बताएं कि हम उससे कितना प्यार करते हैं
🌺आइए हम उसे हर दिन यह व्यक्त करें
🌺क्योंकि इस दुनिया में कोई भी कभी भी उसका दिव्य स्थान नहीं ले सकता है!
🌺तुम्हें ढेर सारा प्यार माँ!
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