मक्का में हज यात्रियों की मौत का सिलसिला, 1300 तक पहुंची संख्या, बेहोश होकर जमीन पर गिर रहे हाजी
सऊदी अरब में इस साल हज यात्रा के दौरान 1300 से ज्यादा तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। इनमें 98 भारतीय हज यात्री भी हैं। ज्यादातर तीर्थयात्रियों की मौत भीषण गर्मी की वजह से हुई है। सऊदी अरब में हज के दौरान तीर्थयात्री किस हाल में थे, उनके साथ क्या हुआ, इस बारे में अब जानकारी आने लगी है।
सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्री ने ये बताया है। हज यात्रियों की मौत की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत के भी 98 हज यात्रियों की मौत हुई है। इसके पीछे गर्मी वजह बताई जा रही है।
हाइलाइट्स
- मक्का में हज यात्रियों की मौत की संख्या 1300 पहुंची
- सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी
- मरने वालों में सबसे ज्यादा मिस्र के हज यात्री
मक्का: इस साल सऊदी अरब में भीषण गर्मी के बीच हज यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या 1300 के पार पहुंच गई है। सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्री ने यह जानकारी दी। सऊदी स्वास्थ्य मंत्री फहद बिन अब्दुर्रहमान अल-जलाजेल ने कहा कि 1,301 मौतों में से 83% अनधिकृत तीर्थयात्री थे, जो पवित्र शहर मक्का और उसके आस-पास हज की रस्में निभाने के लिए तेज़ तापमान में लंबी दूरी तय करके आए थे। सरकारी टीवी अल अखबरिया से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि 95 तीर्थयात्रियों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ को इलाज के लिए हवाई मार्ग से राजधानी रियाद लाया गया है। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, उन्होंने कहा कि मृत तीर्थयात्रियों की पहचान प्रक्रिया में देरी हुई क्योंकि कई के पास कोई दस्तावेज नहीं थे। उन्होंने बताया कि मृतकों को मक्का में दफनाया गया, लेकिन इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। इस साल हज के दौरान 98 भारतीय तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।
गहने बेंचकर पहुंची थी इफेंदिया
मिस्र की 70 वर्षीय इफेंदिया ने हज यात्रा पर जाने के लिए अपने गहने बेच दिए थे, लेकिन रस्में निभाते समय उनकी मौत हो गई। इफेंदिया के बेटे ने सैय्यद ने बीबीसी से बताया कि हज जाना उनकी मां का सबसे बड़ा सपना था। 5 बच्चों की मां इफेंदिया आधिकारिक हज वीजा की जगह पर्यटक वीजा पर मक्का गई थीं। मिस्र में आधिकारिक हज यात्रा के लिए 6000 डॉलर यानी लगभग 5 लाख भारतीय रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इफेंदिया की यात्रा एक दलाल ने कराई थी। उसने आधी रकम ही ली थी और फाइव स्टार सुविधा का वादा किया था, लेकिन हकीकत एकदम अलग थी।
बस ने 12 किमी पहले उतार दिया
इफेंदिया के सबसे बड़े बेटे तारिक ने बताया कि बस ने उनकी मां को माउंट अराफात से लगभग 12 किमी दूर उतार दिया और चली गई। उन्हें पूरा रास्ता पैदल ही चलना पड़ा। उन्होंने बताया कि जब भी मां से वीडियो कॉल पर बात की, वह अपने सिर पर पानी डालते नजर आईं। उनसे गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी। जब आखिरी बार तारिक की अपनी मां से वीडियो कॉल पर बात हुई, वह बुरी तरह थकी लग रही थी। इफेंदिया की बेटी मनाल कहती हैं कि जब आखिरी बार मां ने उनके भाई से बात की तो उन्होंने कहा कि उनकी आत्मा शरीर से जा रही है। भरी हुई आंखों से मनाल ने कहा कि 'काश मैं उस वक्त उनक साथ होती।'
नहीं मिली कोई सुविधा
सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान आमतौर पर यात्रियों को एयरकंडीशन वाले टेंट में ठहराया जाता है। एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए बसें लगाई होती हैं। सैय्यद कहते हैं कि इफेंदिया रजिस्टर्ड तीर्थयात्रियों में नहीं थीं। इसलिए उन्हें कोई सुविधा नहीं दी गई थी। उन्हें पूरी तरह से लावारिस छोड़ दिया गया था। सैय्यद ने बताया कि उनकी मां ने गर्मी से बचने के लिए चादर से तंबू बनाने की कोशिश की। मिस्र के अधिकारियों का कहना है कि मरने वाले तीर्थयात्रियों में से कई पंजीकृत नहीं हैं, जिससे आधिकारिक तौर पर मृतकों की संख्या निर्धारित करना मुश्किल हो गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मृतकों की पहचान करने और उनके परिवारों से संपर्क करने में अधिक समय लग सकता है। वहीं, मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबूली ने सऊदी अरब में गैरपंजीकृत तीर्थयात्रियों को भेजने में शामिल टूर कंपनियों की गतिविधि की जांच की बात कही है।
मरने वाले में सबसे ज्यादा मिस्र के तीर्थयात्री
मृतकों में सबसे बड़ी संख्या मिस्र के तीर्थयात्रियों की है। मिस्र के 660 से अधिक नागरिकों की मौत हुई है। काहिरा में दो अधिकारियों ने बताया कि 31 को छोड़कर सभी गैर-पंजीकृत तीर्थयात्री थी। अधिकारियों ने कहा कि अनधिकृत तीर्थयात्रियों के सऊदी अरब भेजने में सामिल 16 ट्रैवल एजेंसियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। मिस्र में स्थानीय एजेंट आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को खर्च बचाने का लालच देकर टूरिस्ट वीजा पर हज करने सऊदी अरब भेज देते हैं। रजिस्ट्रेशन न होने के चलते इन यात्रियों को हज की सुविधा नहीं मिलती है। मिस्र के एक परिवार ने बताया था कि इसी तरह से हज करने गई उनके घर की महिला को मक्का की तपती गर्मी में 12 किमी पैदल चलना पड़ा था। बाद में उनकी मौत हो गई थी।
अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि ज्यादातर मौतें मक्का के अल-मुआइसमय इलाके में आपातकालीन परिसर में हुई हैं। मिस्र ने इस साल 50,000 से ज्यादा अधिकृत तीर्थयात्रियों को सऊदी अरब भेजा था, लेकिन बड़ी संख्या में गैर-पंजीकृत यात्री भी पहुंचे थे। सऊदी अधिकारियों ने गैर पंजीकृत यात्रियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए हजारों को वापस भेज दिया था, लेकिन कई मक्का और उसके आस-पास के पवित्र स्थलों तक पहुंचने में कामयाब रहे। इनमें ज्यादातर मिस्र के थे। इनके पास गर्मी से बचने के लिए कोई होटल नहीं था।
हज यात्रा पर गर्मी का कहर
हज के दौरान मौतें पहले भी होती रही हैं, क्योंकि इस दौरान कई बार 20 लाख से ज़्यादा लोग सऊदी अरब की यात्रा करते हैं। इसके अलावा, हज यात्रा के दौरान पूर्व में भगदड़ मचने की घटनाएं और महामारी भी फैल चुकी है। लेकिन इस बार जिस मात्रा में मौतें हुई हैं, उसने सभी को हैरान कर दिया है। इस बार मौत की वजह सऊदी अरब में पड़ रही भीषण गर्मी बनी है। जॉर्डन और ट्यूनीशिया समेत कई देशों ने कहा है कि उनके कुछ यात्रियों की मौत मक्का के पवित्र स्थलों पर पड़ने वाली गर्मी के कारण हुई। बुधवार को मुख्य मस्जिद के पास भारतीय यात्री खालिद बशीर बजाज ने एपी को बताया कि उन्होंने इस साल हज के दौरान 'बहुत से लोगों को बेहोश होकर जमीन पर गिरते देखा।' सऊदी हज अधिकारियों के अनुसार, 2024 में 18.3 लाख से अधिक मुसलमानों ने हज किया, जिसमें 22 देशों के 16 लाख से अधिक लोग और सऊदी के 2,22,000 नागरिक और निवासी शामिल थे।
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