July 2024

    

आज का पंचांग, दिन बुधवार, दिनांक 31/07/2024

                 ।। 🕉️ ।। 
     🚩🌞 सुप्रभातम् 🌞🚩
📜««« आज का पंचांग »»»📜

 दिनाँक:- 31/07/2024
      
कलियुगाब्द........................5126
विक्रम संवत्.......................2081
शक संवत्...........................1946
रवि.............................दक्षिणायन
मास...................................श्रावण
पक्ष.....................................कृष्ण
तिथी..............................एकादशी
दोप 03.58 पर्यंत पश्चात द्वादशी
सूर्योदय ...प्रातः 05.58.00 पर
सूर्यास्त ...संध्या 07.08.54 पर
सूर्य राशि.............................कर्क
चन्द्र राशि...........................वृषभ
गुरु राशि.............................वृषभ
नक्षत्र...............................रोहिणी
प्रातः 10.12 पर्यंत पश्चात मृगशीर्ष
योग.......................................ध्रुव
दोप 02.11 पर्यंत पश्चात व्याघात
करण.................................बालव
दोप 03.58 पर्यंत पश्चात कौलव
ऋतु.............................(नभ:) वर्षा
दिन...................................बुधवार

💮 *आंग्ल मतानुसार* :-
31 जुलाई सन 2024 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 12.32 से 02.10 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*कर्क*
04:56:02 07:12:11
*सिंह*
07:12:11 09:24:01
*कन्या*
09:24:01 11:34:41
*तुला*
11:34:41 13:49:19
*वृश्चिक*
13:49:19 16:05:28
*धनु*
16:05:28 18:11:05
*मकर*
18:11:05 19:58:12
*कुम्भ*
19:58:12 21:31:44
*मीन*
21:31:44 23:02:56
*मेष*
23:02:56 24:43:41
*वृषभ*
24:43:41 26:42:20
*मिथुन*
26:42:20 28:56:02

🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा - यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक........................4
🔯 शुभ रंग..........................हरा

💮 *चौघडिया :-*
प्रात: 07.38 से 09.16 तक अमृत
प्रात: 10.54 से 12.32 तक शुभ
दोप 03.47 से 05.25 तक चंचल
सायं 05.25 से 07.03 तक लाभ
रात्रि 08.25 से 09.47 तक शुभ ।

💮 *आज का मंत्र* :-
॥ ॐ एकदंताय नम: ॥

 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (अष्टमोऽध्यायः -  अक्षरब्रह्मयोग:) -*
श्रीभगवानुवाच -
अक्षरं ब्रह्म परमं स्वभावोऽध्यात्ममुच्यते ।
भूतभावोद्भवकरो विसर्गः कर्मसंज्ञितः ॥८- ३॥ 
अर्थात :
श्री भगवान ने कहा- परम अक्षर 'ब्रह्म' है, अपना स्वरूप अर्थात जीवात्मा 'अध्यात्म' नाम से कहा जाता है तथा भूतों के भाव को उत्पन्न करने वाला जो त्याग है, वह 'कर्म' नाम से कहा गया है॥3॥ 

🍃 *आरोग्यं :*-
*विटामिन सी के लाभ : -*

*8. उच्च रक्तचाप को कम करना -*
वर्तमान में कई लोग उच्च रक्तचाप की समस्या से ग्रस्त हैं। एक शोध के अनुसार विटामिन सी उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
आय में निश्चितता रहेगी। नौकरी में कार्यभार बढ़ेगा। सहकर्मी साथ नहीं देंगे। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। फालतू खर्च होगा। किसी के व्यवहार से क्लेश होगा। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। शेयर मार्केट में जल्दबाजी न करें। व्यापार लाभदायक रहेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। लेन-देन में सावधानी रखें। चोट व रोग से कष्ट संभव है। प्रमाद न करें। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। यात्रा मनोरंजक रहेगी।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। ऐश्वर्य व आरामदायक साधनों पर व्यय होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाजी से बचें। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन की योजना बनेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।

🦀*राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आत्मशांति रहेगी। यात्रा संभव है। व्यापार ठीक चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। दूसरों की जवाबदारी न लें। थकान रह सकती है। तीर्थदर्शन की योजना फलीभूत होगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
व्यापार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। मित्रों के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। किसी अपरिचित व्यक्ति पर अतिविश्वास न करें। किसी भी प्रकार के विवाद में न पड़ें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।

🏻 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
पारिवारिक सदस्यों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। नौकरी में मातहतों से अनबन हो सकती है। किसी व्यक्ति विशेष का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार लाभदायक रहेगा। शारीरिक कष्ट संभव है। जल्दबाजी से हानि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धन प्राप्ति सुगम होगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग मिलेगा। भाग्य अनुकूल है। व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। शत्रुओं का पराभव होगा। किसी व्यक्ति की बातों में न आएं। प्रसन्नता रहेगी। स्थायी संपत्ति के कार्य मनोनुकूल लाभ देंगे। किसी बड़ी समस्या का हल सहज ही प्राप्त होगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। पार्टी व पिकनिक का आयोजन हो सकता है। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
दौड़धूप से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। आय बनी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। जोखिम न लें। विवाद को बढ़ावा न दें। कानूनी अड़चन से सामना हो सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बुरी खबर मिल सकती है, धैर्य रखें।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। लेन-देन में सावधानी रखें। अपरिचितों पर अंधविश्वास न करें। कारोबार ठीक चलेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य अनुकूल है। समय का लाभ लें। मित्रों का सहयोग करने का मौका प्राप्त होगा। मेहनत का फल मिलेगा।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
किसी बड़े काम को करने की योजना बनेगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। व्यापार लाभदायक रहेगा। घर-परिवार में कोई मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। मित्रों के साथ अच्‍छा समय बीतेगा।

🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
कारोबार में वृद्धि होगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। समय अनुकूल है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। परिवार के साथ समय प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। जल्दबाजी न करें। यात्रा मनोरंजक रहेगी। कोई बड़ा काम होने से प्रसन्नता रहेगी।

.☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।


You Tube: 
1. Youtube:  ग्रह वाणी   
https://youtu.be/5YoPweRnUNU

2. Youtube:  B I News
https://youtu.be/VwwU7GSmc8o?si=Y4y_DG_etYEolPQ0


PLEASE:-
🇮🇳🇮🇳 भारत माता की जय 🇮🇳🇮🇳

   आज का पंचांग, दिन मंगलवार, दिनांक  30/07/2024


                  ।। 🕉️ ।। 

     🚩 🌞 सुप्रभातम् 🌞 🚩

⚜️««« आज का पंचांग »»»⚜️

दिनाँक:- 30/07/2024, मंगलवार

  

कलियुगाब्द........................5126

विक्रम संवत्.......................2081

शक संवत्...........................1946

रवि.............................दक्षिणायन

मास..................................श्रावण

पक्ष....................................कृष्ण

तिथी.................................दशमी

दोप 04.47 पर्यंत पश्चात एकादशी

सूर्योदय......प्रातः 05.57.00 पर

सूर्यास्त .....संध्या 07.09.55 पर

सूर्य राशि.............................कर्क

चन्द्र राशि...........................वृषभ

गुरु राशि.............................वृषभ

नक्षत्र..............................कृत्तिका

प्रातः 10.23 पर्यंत पश्चात रोहिणी

योग.....................................वृद्धि

दोप 03.54 पर्यंत पश्चात ध्रुव

करण..................................विष्टि

दोप 04.47 पर्यंत पश्चात बव

ऋतु..........................(नभ:) वर्षा

दिन...............................मंगलवार


🇬🇧 आंग्ल मतानुसार :-

30 जुलाई सन 2024 ईस्वी ।


⚜️ अभिजीत मुहूर्त :-

दोप 12.06 से 12.59 तक ।


👁‍🗨 राहुकाल :-

दोप 03.48 से 05.26 तक ।


☸ शुभ अंक....................3

🔯 शुभ रंग....................लाल


🌞 उदय लग्न मुहूर्त :-

कर्क

04:59:59 07:16:07

सिंह

07:16:07 09:27:58

कन्या

09:27:58 11:38:37

तुला

11:38:37 13:53:15

वृश्चिक

13:53:15 16:09:25

धनु

16:09:25 18:15:02

मकर

18:15:02 20:02:08

कुम्भ

20:02:08 21:35:41

मीन

21:35:41 23:06:53

मेष

23:06:53 24:47:38

वृषभ

24:47:38 26:46:17

मिथुन

26:46:17 28:59:59


🚦 दिशाशूल :-

उत्तरदिशा - यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।


✡ चौघडिया :-

प्रात: 09.16 से 10.54 तक चंचल

प्रात: 10.54 से 12.32 तक लाभ

दोप. 12.32 से 02.10 तक अमृत

दोप. 03.48 से 05.26 तक शुभ

रात्रि 08.26 से 09.48 तक लाभ । 


📿 आज का मंत्र :-

।। ॐ मर्कटाय नमः ।।


📢 संस्कृत सुभाषितानि :-

श्रीमद्भगवतगीता (अष्टमोऽध्यायः -  अक्षरब्रह्मयोग:) -

अधियज्ञः कथं कोऽत्र देहेऽस्मिन्मधुसूदन ।

प्रयाणकाले च कथं ज्ञेयोऽसि नियतात्मभिः ॥८- २॥ 

अर्थात :

हे मधुसूदन! यहाँ अधियज्ञ कौन है? और वह इस शरीर में कैसे है? तथा युक्त चित्त वाले पुरुषों द्वारा अंत समय में आप किस प्रकार जानने में आते हैं॥2॥ 


🍃 आरोग्यं :-

विटामिन सी के लाभ : -


7. मसूड़ों को स्वस्थ रखना  -

शरीर में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा से मसूड़े स्वस्थ रहते हैं और मसूड़ों में रक्तस्राव जैसी समस्याएं नहीं होती हैं।


⚜ आज का राशिफल :-


🐏 राशि फलादेश मेष :-

(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)

कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। धार्मिक अनुष्ठान पूजा-पाठ इत्यादि का कार्यक्रम आयोजित हो सकता है। कोर्ट-कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। मानसिक शांति रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। समय अनुकूल है।


🐂 राशि फलादेश वृष :-

(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। प्रमाद न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक कष्ट संभव है।


👫 राशि फलादेश मिथुन :-

(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)

कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक काम करने की इच्छा रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। सुख के साधन प्राप्त होंगे। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।


🦀 राशि फलादेश कर्क :-

(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। शारीरिक कष्ट संभव है। किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। स्वाभिमान को ठेस लग सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय बनी रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है।


🦁 राशि फलादेश सिंह :-

(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

किसी दूसरे व्यक्ति की बातों में न आएं। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। व्यापार अच्‍छा चलेगा। नौकरी में मातहतों से कहासुनी हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। कुसगंति से बचें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। पुराना रोग उभर सकता है।


💁‍♀️  राशि फलादेश कन्या :-

(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भाइयों का सहयोग मिलेगा। परिवार में मांगलिक कार्य हो सकता है। धन प्राप्ति सुगम होगी। शरीर में कमर व घुटने आदि के दर्द से परेशानी हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। शत्रुभय रहेगा। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे।


⚖ राशि फलादेश तुला :-

(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। भाग्य का साथ रहेगा। शेयर मार्केट से लाभ होगा। शत्रु पस्त होंगे। सुख के साधनों की प्राप्ति पर व्यय होगा।


🦂 राशि फलादेश वृश्चिक :-

(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

किसी वरिष्ठ प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कष्ट व भय सताएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा।


🏹 राशि फलादेश धनु :-

(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। भागदौड़ अधिक रहेगी। थकान व कमजोरी महसूस होगी। आय में निश्चितता रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। निवेश सोच-समझकर करें। राजभय रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। यात्रा में जल्दबाजी न करें।


🏹 राशि फलादेश मकर :-

(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक कार्यों में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में प्रशंसा होगी। कार्यसिद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। चोट व रोग से बचें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी व्यक्ति के बहकावे में न आएं। व्यापार ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा।


राशि फलादेश कुंभ :-

(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

दूर से शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। घर में मेहमानों का आगमन होगा। कोई मांगलिक कार्य हो सकता है। आत्मविश्वास बढ़ेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। यश बढ़ेगा।


🐠  राशि फलादेश मीन :-

व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। किसी बड़ी समस्या से मुक्ति मिल सकती है। किसी न्यायपूर्ण बात का भी विरोध हो सकता है। विवाद न करें। कुबुद्धि हावी रहेगी। चोट व रोग से बचें।


☯ आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें |


।। 🐚  शुभम भवतु 🐚 ।।

 


You Tube: 

1. Youtube:  ग्रह वाणी   
https://youtu.be/-0R0BeRlP34

2. Youtube:  B I News
https://youtu.be/VwwU7GSmc8o?si=Y4y_DG_etYEolPQ0


PLEASE:-


🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩
  🚩🚩भारत माता की जय  🚩🚩


 

पुराने से पुराना जोड़ों का अब जड़ से इलाज दर्द होगा झट से  दूर, आयुर्वेद  असरदार घरेलू उपाय

पुराने से पुराना जोड़ों का अब जड़ से इलाज दर्द होगा झट से  दूर, आयुर्वेद  असरदार घरेलू उपाय

आयुर्वेद के अनुसार, जोड़ों का कमजोर होना अमा (Ama) यानी विषाक्त पदार्थों के जमा होने के कारण होता है। विषाक्त पदार्थों के लंबे समय तक एकत्र होने से, जोड़ों में सूजन हो जाती है और समय के साथ उनकी ताकत कम हो जाती है। घुटने के जोड़ के साथ भी ऐसा ही है।


जोड़ों में दर्द (Joint Pain) आजकल की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। आजकल सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। सिटिंग जॉब, फिजिकली एक्टिव नहीं रहना और खराब खान-पान इसका सबसे बड़ा कारण हैं। जाहिर है यह दर्दनाक समस्या है जिसका तुरंत इलाज किया जाना चाहिए।

डॉक्टर मानते हैं कि ऐसी कई स्थितियां हैं, जो जोड़ों के सामान्य कामकाज को प्रभावित करती हैं जिससे विभिन्न रोग पैदा होते हैं। ट्रॉमा के कारण चोट लगना उनमें से एक है। अगर जोड़ों की सेहत पर ध्यान नहीं दिया जाए, तो उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों की स्थिति बिगड़ सकती है। जोड़ों के खराब होने पर आपको जोड़ों में दर्द, अचानक से हिलने-डुलने में परेशानी, जकड़न, सूजन आदि महसूस हो सकते हैं। यह स्थिति गठिया (Arthritis) जैसे रोग का रूप भी ले लेती है।

आयुर्वेद के अनुसार, जोड़ों का कमजोर होना अमा (Ama) यानी विषाक्त पदार्थों के जमा होने के कारण होता है। विषाक्त पदार्थों के लंबे समय तक एकत्र होने से, जोड़ों में सूजन हो जाती है और समय के साथ उनकी ताकत कम हो जाती है। घुटने के जोड़ के साथ भी ऐसा ही है।

5 तरीके बिना दवा के जोड़ों का दर्द दूर करने के...

यूं तो जोड़ों के दर्द की समस्या एक उम्र के बाद ही सामने आती है लेकिन बेहतर यही है कि आप शुरुआत से ही इसके प्रति सचेत रहें. गठिया की समस्या हो जाने पर पर पूरी लाइफस्टाइल अस्त-व्यस्त हो जाती है.

अगर आप चाहते हैं कि ये समस्या आपको न हो तो आज से ही अपने आहार में इन चीजों को अनिवार्य रूप से शामिल करें.

1. लहसुन के सेवन से जोड़ों के दर्द में काफी आराम मिलता है. विशेषज्ञ भी मानते हैं कि प्याज और लहसुन में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो जोड़ों के दर्द में फायदेमंद होते हैं. इनके नियमित सेवन से जोड़ों के दर्द की शिकायत होने का खतरा काफी कम हो जाता है .

2. विटामिन E जोड़ों के दर्द के लिए बहुत फायदेमंद होता है. खासतौर पर बादाम में पाया जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड सूजन और गठिया के लक्षणों को कम करने में मददगार होता है. बादाम के अलावा मछली और मूंगफली में भी पर्याप्त मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है.

3. पपीते में बड़ी मात्रा में विटामिन C पाया जाता है. विटामिन C न केवल इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है बल्क‍ि ये जोड़ों की सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद  है

4. एक गि‍लास पानी में एप्पल साइडर विनिगर मिलाकर पीने से जोडों के दर्द में फायदा मिलता है. इसके अलावा ब्रोकली खाने से भी गठिया में आराम मिलता है. ब्रोकली में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो जोड़ों की सेहत लंबे समय तक बरकरार रखते हैं

5. इसके अलावा सही साइज के जूते पहनकर, एक्सरसाइज करके और मोटापे को नियंत्रित रखकर भी आप जोड़ों के दर्द से राहत पा सकते हैं.

आयुर्वेद में इसके कारण, लक्षण, उपचार और दवा?

जोड़ों का दर्द(Joint Pain) शरीर के एक या अधिक जोड़ों में असुविधा या दर्द है, जहां हड्डियां मिलती हैं और गति की अनुमति देती हैं। यह विभिन्न कारणों से हो सकता है, जिनमें गठिया, चोट, अति प्रयोग, संक्रमण, ऑटोइम्यून रोग और बहुत कुछ शामिल हैं। सामान्य लक्षणों में प्रभावित जोड़ में दर्द, सूजन, कठोरता और गति की कम सीमा शामिल है। उपचार के विकल्प अंतर्निहित कारण पर निर्भर करते हैं और इसमें दवा, भौतिक चिकित्सा, जीवनशैली में बदलाव और गंभीर मामलों में सर्जरी शामिल हो सकती है। जोड़ों के दर्द को कम करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए उचित निदान और प्रबंधन आवश्यक है।

दूसरे शब्दों में, जोड़ों का दर्द शरीर के एक या अधिक जोड़ों में बेचैनी, दर्द की अनुभूति को संदर्भित करता है। जोड़ हड्डियों के बीच के संबंध हैं जो गति और लचीलेपन की अनुमति देते हैं। जब ये जोड़ दर्दनाक हो जाते हैं, तो यह किसी व्यक्ति की गतिशीलता, दैनिक गतिविधियों और जीवन की समग्र गुणवत्ता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है।

जोड़ों के दर्द के कारण क्या हैं(What are the causes of Joint Pain)?

जोड़ों के दर्द के कई कारण हो सकते हैं, हल्के से लेकर गंभीर तक। यहाँ जोड़ों के दर्द के कुछ सामान्य कारण दिए गए हैं:

  • गठिया: गठिया जोड़ों के दर्द का एक प्रमुख कारण है और इसमें ऑस्टियोआर्थराइटिस (जोड़ों की उपास्थि का टूटना), रुमेटीइड गठिया (एक ऑटोइम्यून बीमारी), गाउट (जोड़ों में यूरिक एसिड क्रिस्टल के कारण) और अन्य ऐसी स्थितियां शामिल हैं।
  • चोट: आघात या चोटें, जैसे मोच, खिंचाव, फ्रैक्चर या अव्यवस्था, जोड़ों में दर्द का कारण बन सकती हैं। ये चोटें जोड़ या आसपास के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  • अति प्रयोग: जोड़ों का बार-बार हिलना या अति प्रयोग, जो अक्सर कुछ खेलों या व्यावसायिक गतिविधियों में देखा जाता है, जोड़ों के दर्द का कारण बन सकता है। इसे अति प्रयोग या दोहरावदार तनाव चोट के रूप में जाना जाता है।
  • संक्रमण: बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण कभी-कभी जोड़ों को प्रभावित कर सकता है, जिससे सूजन और दर्द हो सकता है। सेप्टिक गठिया संयुक्त संक्रमण का एक उदाहरण है।
  • ऑटोइम्यून रोग: ल्यूपस, सोरियाटिक गठिया और एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस जैसी स्थितियां ऑटोइम्यून बीमारियां हैं जो जोड़ों के दर्द का कारण बन सकती हैं क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से संयुक्त ऊतकों पर हमला करती है।
  • अपक्षयी स्थितियां: ऑस्टियोआर्थराइटिस के अलावा, अन्य अपक्षयी स्थितियां, जैसे अपक्षयी डिस्क रोग, के परिणामस्वरूप जोड़ों में दर्द हो सकता है।
  • मेटाबोलिक विकार: कुछ मेटाबोलिक विकार, जैसे हेमोक्रोमैटोसिस या विल्सन रोग, जोड़ों में खनिज या विषाक्त पदार्थों के निर्माण के कारण जोड़ों के दर्द का कारण बन सकते हैं।
  • टेंडिनिटिस: टेंडन की सूजन, जो मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ती है, जोड़ों में दर्द का कारण बन सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां टेंडन जोड़ों को पार करते हैं।
  • बर्साइटिस: बर्सा की सूजन, छोटे तरल पदार्थ से भरी थैली जो जोड़ों को सहारा देती है, जोड़ों में दर्द का कारण बन सकती है, जो अक्सर जोड़ों पर दोहराए जाने वाले दबाव के कारण होती है।
  • ल्यूपस: सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (एसएलई) एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो जोड़ों सहित शरीर की विभिन्न प्रणालियों को प्रभावित कर सकती है, जिससे दर्द और सूजन हो सकती है।
  • सोरायसिस: सोरायसिस, एक त्वचा की स्थिति, गठिया के एक रूप से जुड़ी होती है जिसे सोरियाटिक गठिया कहा जाता है, जो जोड़ों में दर्द और सूजन का कारण बनता है।
  • अन्य कारण: जोड़ों का दर्द हार्मोनल परिवर्तन, दवाओं, तंत्रिका विकारों और यहां तक ​​कि आस-पास के अंगों में समस्याओं के कारण होने वाले दर्द जैसे कारकों के कारण भी हो सकता है।
जोड़ों के दर्द के लक्षण क्या हैं(Joint Pain complete treatment in Ayurveda)?

जोड़ों का दर्द विभिन्न लक्षणों के साथ प्रकट हो सकता है, और विशिष्ट लक्षण अंतर्निहित कारण और प्रभावित जोड़ के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। हालाँकि, जोड़ों के दर्द के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • दर्द: जोड़ों के दर्द का सबसे प्रमुख लक्षण प्रभावित जोड़ों में बेचैनी या दर्द है। दर्द हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकता है और इसे दर्द, धड़कन, चुभन या जलन के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
  • सूजन: अक्सर जोड़ों के दर्द के साथ होती है, जिसके परिणामस्वरूप प्रभावित जोड़ के आसपास सूजन हो जाती है। जोड़ सामान्य से बड़ा दिखाई दे सकता है और छूने पर गर्म महसूस हो सकता है।
  • कठोरता: जोड़ों का दर्द अक्सर कठोरता के साथ होता है, जिससे प्रभावित जोड़ को हिलाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कठोरता अक्सर सुबह या निष्क्रियता की अवधि के बाद अधिक स्पष्ट होती है।
  • गति की सीमा में कमी: जोड़ों के दर्द के कारण गति की पूरी सीमा के माध्यम से जोड़ को हिलाने की क्षमता कम हो सकती है। आवाजाही में यह सीमा दैनिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकती है।
  • कोमलता: प्रभावित जोड़ छूने पर कोमल हो सकता है, और जोड़ पर या उसके आसपास दबाने से असुविधा या दर्द हो सकता है।
  • कमजोरी: जोड़ों के दर्द के परिणामस्वरूप प्रभावित जोड़ के आसपास की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे गतिशीलता और कार्यशीलता कम हो जाती है।
  • क्लिक करने या चटकने की आवाजें: जोड़ों के दर्द से पीड़ित कुछ व्यक्तियों को जोड़ हिलाने पर क्लिक करने, चटकने या चटकने की आवाजें आ सकती हैं। ये आवाजें जोड़ की संरचना या तरल पदार्थ में बदलाव के कारण हो सकती हैं।
  • लालिमा: गंभीर सूजन के मामलों में, प्रभावित जोड़ की त्वचा लाल हो सकती है।
  • थकान: पुराने जोड़ों के दर्द से थकान हो सकती है और शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने की क्षमता कम हो सकती है।
  • दैनिक गतिविधियों में कठिनाई: जोड़ों के दर्द के स्थान और गंभीरता के आधार पर, व्यक्तियों को रोजमर्रा के कार्य करने में कठिनाई हो सकती है, जैसे चलना, सीढ़ियाँ चढ़ना या वस्तुओं को पकड़ना।

जोड़ों के दर्द का सम्पूर्ण इलाज आयुर्वेद में(Joint Pain complete treatment in Ayurveda):

आयुर्वेद, भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली जोड़ों के दर्द के प्रबंधन और उपचार के लिए समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है। आयुर्वेद में उपचार व्यक्ति के दोष (संविधान), जोड़ों के दर्द के अंतर्निहित कारण और अन्य कारकों के आधार पर वैयक्तिकृत किया जाता है।

श्री च्यवन आयुर्वेद ने जोड़ों के दर्द के लिए सावधानी से एक आयुर्वेदिक दवा तैयार की है - दर्द निवारक किट जो सभी प्रकार के जोड़ों, मांसपेशियों, शरीर के दर्द आदि से राहत प्रदान करती है। इसमें सभी हर्बल और प्राकृतिक तत्व शामिल हैं और सभी के लिए उपयोग करना सुरक्षित है। क्या आप पीठ दर्द, घुटने का दर्द, साइटिका, सर्वाइकल, स्लिप-डिस्क या अन्य जोड़ों या मांसपेशियों से संबंधित दर्द या ऐंठन जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो आज ही श्री च्यवन आयुर्वेद की दर्द निवारक किट ऑर्डर करें और सभी प्रकार के दर्द से छुटकारा पाएं।

दर्द निवारक किट में शामिल हैं:

1. दर्द विजय पाउडर: श्री च्यवन आयुर्वेद का दर्द विजय पाउडर जोड़ों, मांसपेशियों के दर्द, गठिया आदि से राहत दिलाता है। इस पाउडर के सेवन से जोड़ों की सूजन कम होती है और दर्द से राहत मिलती है। यह सभी हर्बल और प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग करके तैयार किया गया है और उपयोग करने के लिए सुरक्षित है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है।

 घटक: दर्द विजय पाउडर में कोलीचिकम लियूटियम, किशमिश कोमुनिस, पिपली, चित्रक हरीतकी, पाइपर ऑफ सिनेरम, अडार्क और अरबी बबूल जैसे तत्व शामिल हैं।

कैसे उपयोग करें: प्रतिदिन सुबह और शाम नाश्ते बाद क्रमशः 2-3 ग्राम का सेवन करें।

2. चंद्रप्रभा वटी:  यह यूरिक एसिड के स्तर को कम करती है, जो अंततः दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है। यह एक आदर्श दर्द निवारक आयुर्वेदिक औषधि है।

 घटक : चंद्रप्रभा वटी में चंदन, दारू हरिद्रा, आंवला, देबदारू, कपूर, दालचीनी शामिल हैं।

कैसे इस्तेमाल करें: रात को सोने से पहले 1 गोली का सेवन करें।

3. पीडागो वटी: यह एक आयुर्वेदिक दर्दनिवारक है लेकिन बाजार में उपलब्ध दर्दनिवारक से भिन्न है। यह सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक दर्द निवारक गोलियों में से एक है जो जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।

 घटक : इसमें सिद्ध कुचला, शुद्ध भिलावा (स्ट्राइक्नोसनक्स-वोमिका) आंवला, हरदा, बहेड़ा, सौंठ, अंबा हल्दी, पीपल लाख (फिकस रिलिजियोसा), नागर मोथा, मेथी, माल सिन्दूर, हींग, अजमोदा, काला पीपर, अश्वगंधा शामिल हैं।

कैसे उपयोग करें: प्रतिदिन सुबह और शाम नाश्ते के बाद क्रमशः 1 गोली का सेवन करें।

4. दर्द विजय तेल: इस तेल से हल्की मालिश करने से आपको किसी भी प्रकार के जोड़ों या मांसपेशियों के दर्द से तुरंत राहत मिलती है। इसे जोड़ों के दर्द के लिए सर्वोत्तम आयुर्वेदिक तेल के रूप में भी अनुशंसित किया जाता है।

 घटक: इसमें नीम, सहजन, चिनचिनी, अश्वगंधा, मेथी, इमली, सरसों का तेल, नीम का तेल, कपूर, पुदीना शामिल हैं।

कैसे इस्तेमाल करें: दिन में दो बार इस तेल से धीरे-धीरे मालिश करें।

जोड़ों के दर्द के इलाज के अन्य उपाय(Other remedies to treat Joint Pain):

  1. आहार संबंधी अनुशंसाएँ:

एक आयुर्वेदिक चिकित्सक आपके दोष और आपके जोड़ों के दर्द की प्रकृति के आधार पर आहार में बदलाव की सिफारिश कर सकता है।

अदरक, हल्दी और लहसुन जैसे सूजनरोधी खाद्य पदार्थों को अक्सर प्रोत्साहित किया जाता है।

ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें या कम करें जो जोड़ों के दर्द को बढ़ा सकते हैं, जैसे तले हुए और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, अत्यधिक डेयरी उत्पाद और लाल मांस।

  1. हर्बल उपचार:

जोड़ों के दर्द को प्रबंधित करने के लिए आमतौर पर आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है। कुछ लोकप्रिय विकल्पों में शामिल हैं:

  1. हल्दी: अपने सूजनरोधी गुणों के लिए जानी जाने वाली, इसका सेवन विभिन्न रूपों में किया जा सकता है, जैसे हल्दी वाला दूध या पूरक।
  2. बोसवेलिया: इसे भारतीय लोबान भी कहा जाता है, इसमें सूजन-रोधी प्रभाव होते हैं।
  3. अश्वगंधा: एक एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकती है।

आपकी विशिष्ट स्थिति के अनुरूप आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन (चूर्ण या क्वाथ) की भी सिफारिश की जा सकती है।

  1. पंचकर्म थेरेपी:

पंचकर्म आयुर्वेद में एक विषहरण और कायाकल्प चिकित्सा है।

अभ्यंग (औषधीय तेलों से मालिश), स्वेदन (हर्बल स्टीम थेरेपी), और बस्ती (औषधीय एनीमा) जैसे उपचार विषाक्त पदार्थों को खत्म करने और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

  1. जीवनशैली में संशोधन:

आराम और हल्का व्यायाम महत्वपूर्ण हैं। प्रभावित जोड़ पर अत्यधिक दबाव डालने से बचें।

योग और विशिष्ट आसन आपकी स्थिति का सम्मान करते हुए जोड़ों के लचीलेपन और ताकत को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।

ध्यान और गहरी सांस लेने जैसी तनाव कम करने वाली तकनीकों का अभ्यास करने से भी दर्द को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है।

  1. आयुर्वेदिक तेल : आयुर्वेदिक तेलों जैसे महानारायण तेल, विषगर्भ तेल, या बाला तेल के बाहरी उपयोग से दर्द वाले जोड़ पर मालिश करने पर राहत मिल सकती है।

गर्म हर्बल कंप्रेस (पिंडा स्वेदा) भी दर्द और सूजन को कम कर सकता है।

  1. अग्नि और पाचन स्वास्थ्य:

आयुर्वेद समग्र स्वास्थ्य में संतुलित पाचन तंत्र (अग्नि) की भूमिका पर जोर देता है। आहार समायोजन और जड़ी-बूटियों के माध्यम से पाचन में सुधार उपचार प्रक्रिया का समर्थन कर सकता है।

  1. आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श:

एक योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो आपकी विशिष्ट स्थिति, दोष असंतुलन का आकलन कर सकता है और एक व्यक्तिगत उपचार योजना निर्धारित कर सकता है।

  1. दीर्घकालिक प्रबंधन:

जोड़ों के दर्द के लिए आयुर्वेदिक उपचार को अक्सर एक दीर्घकालिक प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है। जोड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आहार और जीवनशैली की सिफारिशों का पालन करना महत्वपूर्ण है।

अंत में, आयुर्वेद जोड़ों के दर्द के इलाज के लिए एक समग्र और व्यक्तिगत दृष्टिकोण प्रदान करता है, जो न केवल लक्षणों को बल्कि शरीर में अंतर्निहित असंतुलन को भी संबोधित करता है। किसी व्यक्ति की दोष संरचना, जोड़ों के दर्द की प्रकृति और कई अन्य कारकों पर विचार करके, आयुर्वेदिक उपचार का उद्देश्य संतुलन बहाल करना, सूजन को कम करना और समग्र संयुक्त स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है।

आहार में संशोधन, हर्बल उपचार, विषहरण उपचार, जीवनशैली समायोजन और तनाव प्रबंधन तकनीकों के माध्यम से, आयुर्वेद जोड़ों के दर्द से राहत प्रदान करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास करता है। यह स्थायी कल्याण प्राप्त करने में मन, शरीर और आत्मा की परस्पर संबद्धता पर जोर देता है।

हालाँकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि जोड़ों के दर्द के लिए आयुर्वेदिक उपचार एक व्यापक और दीर्घकालिक प्रक्रिया है जिसके लिए एक योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, यह पारंपरिक चिकित्सा देखभाल का पूरक हो सकता है, और गंभीर या पुरानी संयुक्त स्थितियों वाले व्यक्तियों को एक सर्वांगीण उपचार योजना विकसित करने के लिए आयुर्वेदिक और चिकित्सक दोनों से परामर्श करना चाहिए।

      

आज का पंचांग, दिन सोमवार, दिनांक 29/07/2024

                 *|| 🕉️ ||*

          *🌞सुप्रभातम🌞* 

           *आज का पंचांग*

*दिनाँक:- 29/07/2024, सोमवार*


नवमी, कृष्ण पक्ष,  श्रावण  (समाप्ति काल)

 

तिथि----------- नवमी 17:55:08     तक 

पक्ष------------------------- कृष्ण

नक्षत्र----------- भरणी 10:54:07

योग-------------- गण्ड 17:53:42

करण----------- तैतुल 06:38:29

करण-------------- गर 17:55:08

करण----------- वणिज 29:17:01

वार----------------------- सोमवार

माह------------------------ श्रावण

चन्द्र राशि---------  मेष 16:44:12

चन्द्र राशि-----------------    वृषभ

सूर्य राशि----------------------कर्क

रितु-------------------------- वर्षा

आयन----------------- दक्षिणायण

संवत्सर-------------------- क्रोधी

संवत्सर (उत्तर) ---------------कालयुक्त

विक्रम संवत---------------- 2081

गुजराती संवत-------------- 2080 

शक संवत------------------ 1946 

कलि संवत----------------- 5125

सूर्योदय--------------- 05:42:16

सूर्यास्त---------------- 19:08:46

दिन काल------------- 13:26:30

रात्री काल------------- 10:34:01

चंद्रास्त--------------- 13:54:24

चंद्रोदय---------------- 24:36:37

लग्न---- कर्क 12°11' , 102°11'

सूर्य नक्षत्र-------------------- पुष्य

चन्द्र नक्षत्र------------------ भरणी

नक्षत्र पाया------------------- स्वर्ण 


🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩


लो---- भरणी 10:54:07


अ---- कृत्तिका 16:44:12


ई---- कृत्तिका 22:35:34


उ---- कृत्तिका 28:28:14


💮🚩💮  ग्रह गोचर  💮🚩💮


        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

==========================

सूर्य=  कर्क 12°05,         पुष्य       3       हो 

चन्द्र= मेष 23°30 ,         भरणी    4     लो 

बुध =सिंह 07°53'               मघा  3       मू 

शु क्र= कर्क  27°05,       अश्लेषा  '   4    डो

मंगल=वृषभ 11°30 '     रोहिणी'      1    ओ 

गुरु=वृषभ  19°30 रोहिणी  ,         3      वी 

शनि=कुम्भ 24°10 '    पू o भा o  ,2      सो  

राहू=(व) मीन  15°35  उo भा o,     4    ञ 

केतु=(व) कन्या 15°35   हस्त  ,     2       ष


🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮


राहू काल 07:23 - 09:04 अशुभ

यम घंटा 10:45 - 12:26 अशुभ

गुली काल 14:06 - 15: 47अशुभ 

अभिजित 11:59 - 12:52 शुभ

दूर मुहूर्त 12:52 - 13:46 अशुभ

दूर मुहूर्त 15:34 - 16:27 अशुभ

वर्ज्यम 22:36 - 24:09* अशुभ

प्रदोष 19:09 - 21:17       शुभ


💮चोघडिया, दिन

अमृत 05:42 - 07:23 शुभ

काल 07:23 - 09:04 अशुभ

शुभ 09:04 - 10:45 शुभ

रोग 10:45 - 12:26 अशुभ

उद्वेग 12:26 - 14:06 अशुभ

चर 14:06 - 15:47 शुभ

लाभ 15:47 - 17:28 शुभ

अमृत 17:28 - 19:09 शुभ


🚩चोघडिया, रात

चर 19:09 - 20:28 शुभ

रोग 20:28 - 21:47 अशुभ

काल 21:47 - 23:07 अशुभ

लाभ 23:07 - 24:26* शुभ

उद्वेग 24:26* - 25:45* अशुभ

शुभ 25:45* - 27:04* शुभ

अमृत 27:04* - 28:24* शुभ

चर 28:24* - 29:43* शुभ


💮होरा, दिन

चन्द्र 05:42 - 06:49

शनि 06:49 - 07:57

बृहस्पति 07:57 - 09:04

मंगल 09:04 - 10:11

सूर्य 10:11 - 11:18

शुक्र 11:18 - 12:26

बुध 12:26 - 13:33

चन्द्र 13:33 - 14:40

शनि 14:40 - 15:47

बृहस्पति 15:47 - 16:54

मंगल 16:54 - 18:02

सूर्य 18:02 - 19:09


🚩होरा, रात

शुक्र 19:09 - 20:02

बुध 20:02 - 20:54

चन्द्र 20:54 - 21:47

शनि 21:47 - 22:40

बृहस्पति 22:40 - 23:33

मंगल 23:33 - 24:26

सूर्य 24:26* - 25:19

शुक्र 25:19* - 26:11

बुध 26:11* - 27:04

चन्द्र 27:04* - 27:57

शनि 27:57* - 28:50

बृहस्पति 28:50* - 29:43


🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩 

  

कर्क    > 04:02   से  06:20    तक

सिंह    >  06:20 से  08:30     तक

कन्या  >  08:30 से  10:44     तक

तुला   >  10:44  से  13: 02    तक     

वृश्चिक > 13:02   से  15:14    तक

धनु     >  15:14   से  17:20    तक

मकर   >  17:20   से  19:08   तक

कुम्भ   >  19:08   से  20:38   तक

मीन    >  20:38   से  22:08    तक

मेष     >  22:08   से  23:44   तक

वृषभ   > 23:44   से  01:40    तक

मिथुन  > 01:40  से   03:58    तक


🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार


       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा   +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट


नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।


💮दिशा शूल ज्ञान-------------पूर्व

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो  घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l

भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll


🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,

चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।

दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,

नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्

नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।


 15 + 9 + 2 + 1 = 27 ÷ 4 = 3 शेष

 मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l


🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩


सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है


राहु ग्रह मुखहुति


💮    शिव वास एवं फल -:


 24 + 24 + 5 = 53 ÷ 7 =  4 शेष


सभायां = संताप कारक


🚩भद्रा वास एवं फल -:


स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।

मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।


रात्रि 29:19 से प्रारम्भ 


स्वर्ग लोक = शुभ कारक 


💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮


 गुरु हरिकिशन जयंती


श्रावन सोमवार (द्वितीय सोमवार)


💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮


तावन्मौनेन नीयन्ते कोकिलैश्चैव वासराः ।

यावत्सर्वजनानन्ददायिनी वाक् प्रवर्तते ।।

।। चाo नी o।।


   कोकिल तब तक मौन रहते है. जबतक वो मीठा गाने की क़ाबलियत हासिल नहीं कर लेते और सबको आनंद नहीं पंहुचा सकते.


🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩


गीता -:     अक्षरब्रह्मयोग अo-08


अनन्यचेताः सततं यो मां स्मरति नित्यशः ।,

तस्याहं सुलभः पार्थ नित्ययुक्तस्य योगिनीः ॥,


हे अर्जुन! जो पुरुष मुझमें अनन्य-चित्त होकर सदा ही निरंतर मुझ पुरुषोत्तम को स्मरण करता है, उस नित्य-निरंतर मुझमें युक्त हुए योगी के लिए मैं सुलभ हूँ, अर्थात उसे सहज ही प्राप्त हो जाता हूँ॥,14॥,


💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮


देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।


🐏मेष

मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। बड़ा काम करने का मन बनेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। भाग्य अनुकूल रहेगा। रुके कार्य पूरे होंगे। प्रसन्नता रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से परिचय होगा।


🐂वृष

विवाद को बढ़ावा न दें। किसी व्यक्ति के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। दु:खद समाचार मिल सकता है। बेकार बातों की तरफ ध्यान न दें। दौड़धूप अधिक होगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग कम मिलेगा। कार्य की अधिकता रहेगी। जल्दबाजी न करें।


👫मिथुन

रचनात्मक कार्य पूर्ण व सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आयोजन होगा। आय में वृद्धि होगी। परीक्षा व साक्षात्कार में सफलता प्राप्त होगी। व्यस्तता रहेगी। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। घर-बाहर सभी ओर से सफलता तथा प्रसन्नता प्राप्त होगा।


🦀कर्क

स्थायी संपत्ति में वृद्धि हो सकती है। प्रॉपर्टी के कामकाज बड़ा लाभ दे सकते हैं। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में प्रशंसा मिलेगी। रोजगार मिलेगा। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। पार्टनरों से मतभेद दूर होंगे। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। लापरवाही न करें।


🐅सिंह

स्वास्थ्य का ध्यान रखें। उत्साह की अधिकता तथा व्यस्तता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। कारोबार ठीक चलेगा। महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य अनुकूल है, लाभ लें। घर-बाहर सभी ओर से सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी।


🙍‍♀️कन्या

बुरी खबर मिल सकती है, धैर्य रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। काम करने की इच्छा नहीं होगी। विवाद से क्लेश संभव है। बनते कामों में बाधा उत्पन्न होगी। मेहनत अधिक और लाभ कम रहेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। घर में तनाव रह सकता है। दूसरे लोग आपसे अधिक अपेक्षा करेंगे।


⚖️तुला

कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल रहेगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। धन प्राप्ति सुगम होगी। नौकरी में चैन रहेगा। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर मिल सकता है। सत्संग का लाभ मिलेगा। जल्दबाजी न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा।


🦂वृश्चिक

योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में कार्यभार तथा अधिकार दोनों बढ़ सकते हैं। बाहर जाने की योजना बनेगी। शत्रुओं का पराभव होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।


🏹धनु

डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है, प्रयास करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेशादि मनोनुकूल लाभ देंगे। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। व्यापार में लाभ बढ़ेगा। किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर मिल सकता है। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। घर-बाहर सुख-शांति बनी रहेगी।


🐊मकर

विवाद को बढ़ावा न दें। फालतू खर्च पर नियंत्रण रखें। कुसंगति से बचें। घर-परिवार की चिंता रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय बनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।


🍯कुंभ

चोट व रोग से बाधा संभव है। झंझटों में न पड़ें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। यात्रा लाभदायक रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। कारोबार में वृद्धि होगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। समय अनुकूल है, लाभ लें। प्रमाद न करें। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।


🐟मीन

उत्साहवर्द्धक सूचना मिलेगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। फालतू खर्च होगा। बड़ा काम करने का मन बनेगा। कारोबार में लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड आदि मनोनुकूल लाभ देंगे। भाइयों का सहयोग मिलेगा। आत्मसम्मान बना रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। लाभ होगा।


🚩आपका दिन मंगलमय हो

You Tube: 

1. Youtube:  ग्रह वाणी   
https://youtu.be/RwbixOslOhI

2. Youtube:  B I News
https://youtu.be/VwwU7GSmc8o?si=Y4y_DG_etYEolPQ0


PLEASE:-
भारत माता की जय


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