केवल दो दिन में घूमना है मथुरा-वृंदावन के सभी तीर्थ स्थल, तो बनाएं प्लान कुछ इस तरह

 

केवल दो दिन में घूमना है मथुरा-वृंदावन के सभी तीर्थ स्थल, तो बनाएं प्लान कुछ इस तरह

केवल दो दिन में घूमना है मथुरा-वृंदावन के सभी तीर्थ स्थल, तो बनाएं प्लान कुछ इस तरह 

आइए जानते हैं वीकेंड ट्रिप में मथुरा वृंदावन को कम समय में घूमने के टिप्स।
मथुरा वृंदावन का दो दिन का ट्रिप


उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में अयोध्या और मथुरा आता है। यहां भगवान विष्णु के दो अवतारों राम और कृष्ण का जन्म हुआ था। धर्मनगरी अयोध्या में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, तो वहीं मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि है। अगर आप श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो यहां आपको कई सारे दार्शनिक स्थल मिल जाएंगे। श्रीकृष्ण का जन्म भले ही उनके मामा कंस के महल में बनी जेल में हुआ था लेकिन उनका बचपन गोकुल वृंदावन की गलियों में बिता। इसलिए मथुरा भ्रमण के दौरान श्रीकृष्ण के जुड़ी सभी खास जगहों के दर्शन करने को यहां मिलेंगे। कम पैसों में आप मथुरा वृंदावन को घूम सकते हैं। वैसे तो गोकुल मथुरा की गली गली में खूबसूरत मंदिर बसे हैं लेकिन अगर आपके पास घूमने के लिए समय कम है और वीकेंड पर मथुरा जा रहें हैं तो एक प्लानिंग के साथ आप मात्र दो दिन में भी मथुरा वृंदावन घूम सकते हैं। 

लखनउ से मथुरा की दूरी 400 किमी की है, और  दिल्ली से मथुरा का सफर यमुना एक्सप्रेस वे से महज ढाई घंटे का है। दिल्ली से आप खुद की गाड़ी या बस से मथुरा जा सकते हैं। यहां घूमने के लिए कई सारे मंदिर हैं। लेकिन दो दिनों की छुट्टी में मथुरा जा रहें हैं तो कुछ प्रसिद्ध और चुनिंदा जगहों को ही घूमने जाएं।

मथुरा-वृंदावन घूमने का खर्च

दो दिन के ट्रिप में मथुरा वृंदावन के भ्रमण का किराया भी ज्यादा नहीं है। आप दिल्ली से बस के जरिए मथुरा जा सकते हैं। सबसे सस्ता टिकट आपको 200 रुपये का मिल जाएगा। ट्रेन से भी मथुरा जाया जा सकता है, जिसमें 2000 रुपये तक व्यय करना पड़ेगा। मथुरा में ठहरने और खाने का खर्च भी अधिक नहीं है। 500 से लेकर 3000 रुपये तक आपके अच्छे होटल में कमरा मिल सकता है। वहीं खाने में लगभग 500 से 1000 रुपये तक व्यय करना पड़ेगा।

मान्यता है कि निधिवन मंदिर में, श्री कृष्ण या ठाकुरजी रात होने के बाद आते हैं और राधा जी और सभी गोपियों के साथ दिव्य रासलीला करते हैं। निधिवन मंदिर में राधा कृष्ण की एक सुंदर मूर्ति और एक रंग महल है जो जंगल से घिरा हुआ है। इस रंग महल में रास लीला खत्म होने के बाद भगवान कृष्ण और राधा रानी विश्राम करते हैं।

    वृंदावन वो जगह है, जहां भगवान कृष्ण ने यहां अपने बचपन के दिन बिताए थे। इस जगह को प्रेम भूमि के नाम से भी जाना जाता है। एक और चीज़ जो लोगों को सबसे ज्यादा आकर्षित करती है, वो है यहां भगवान कृष्ण और राधा के बीच बिताया गया वो खूबसूरत समय। वृन्दावन में उनके प्यार को समर्पित कई मंदिर मौजूद हैं, लेकिन उनमें से एक रहस्यमय वन है, जिसे निधिवन कहा जाता है। एक ऐसी जगह, जिसके बारे में माना जाता है कि यहां कृष्ण आज भी रास लीला रचाने आते हैं। चलिए आपको इस लेख में निधिवन के बारे में बताते हैं।

भक्तों और स्थानीय लोगों का मानना है कि भगवान कृष्ण रात में रासलीला करने के लिए यहां आते हैं। भगवान कृष्ण, राधा और गोपियों के बीच यहां नृत्य करते हैं। ऐसा माना जाता है कि आरती की पवित्र प्रक्रिया के बाद, मंदिर के आसपास किसी को भी जाने की इजाजत नहीं होती। ऐसा भी कहा जाता है कि रात के समय मंदिर में रह जाता है, तो या तो वो अंधा हो सकता है या फिर सुनने की क्षमता को खो सकता है।

कैसे घूमे मथुरा वृंदावन के मंदिर

मथुरा वृंदावन और गोकुल की गलियां सकरी हैं। यहां के मंदिर भी गलियों में हैं। ऐसे में अगर आप खुद की गाड़ी से घूमने गए हैं तो होटल में गाड़ी छोड़कर मथुरा वृंदावन में घूमने के लिए स्थानीय टैक्सी या ई रिक्शा बुक कर सकते हैं। महज 300 से 500 रुपये में ई रिक्शा चालक आपको यहां के 5 से 6 प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण मंदिरों के दर्शन कराते हैं। एक दिन में वह सभी दार्शनिक स्थल आराम से घुमा देंगे। वहीं सुबह यमुना घाट पर स्नान के लिए भी ले जा सकते हैं। यहां आप नाव वाले को प्रति व्यक्ति 20 से 30 रुपये देकर घाट के उस पार यमुना में डुबकी लगाने के लिए जा सकते हैं।
प्रयि कांत जू मन्दिर
मथुरा वृंदावन के महत्वपूर्ण मंदिर

वैसे तो स्थानीय टैक्सी या ई रिक्शा चालक आपको खुद की यहां के प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन कराएंगे। लेकिन अगर आपको पहले से ही मथुरा वृंदावन के बारे में अधिक जानकारी होगी तो कुछ भी आपसे छूटेगा नहीं।


कृष्णजन्म भूमि

पहले दिन आप मथुरा की जेल जहां श्री कृष्ण का जन्म हुआ था, वहां घूम सकते हैं। इसे कृष्ण जन्मभूमि कहा जाता है। यहां आपको मंदिर में दर्शन के साथ ही आकर्षक गुफा में घूमने को मिलेगा, जिसके लिए अलग से टिकट लेना पड़ता है। 10 रुपये का टिकट लेकर आप गुफा के अंदर जा सकते हैं, जिसमें श्री कृष्ण की झांकियां साउंड इफेक्ट के साथ दिखाई जाती हैं।

बांके बिहारी मंदिर

यहां से वृंदावन जाएं जहां भगवान कृष्ण को समर्पित श्री बांके बिहारी मंदिर है। इस मंदिर की इमारत राजस्थानी शैली में बनी है। मंदिर में भगवान कृष्ण की छवि बच्चे के रूप में है। इस मंदिर में एक भी घंटी या शंख नहीं है, क्योंकि मान्यता है कि भगवान को यहां इन वाद्ययंत्रों की आवाज पसंद नहीं थी।

रंगनाथ मंदिर

वृंदावन-मथुरा मार्ग पर श्री रंगनाथ मंदिर स्थित है, इसे रंगजी मंदिर भी कहते हैं। यह मंदिर भगवान कृष्ण के अवतार रंगनाथ जी को समर्पित है, जो दक्षिण भारतीय शैली में बना है। यहां भगवान कृष्ण की प्रतिमा दूल्हे के रूप में रखी है। वहं दुल्हन गोदा हैं। यह उत्तर भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है।

प्रेम मंदिर

साल 2001 में जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज ने प्रेम मंदिर बनवाया था। इस मंदिर की खूबसूरती भक्तों को आकर्षित करती है। मंदिर परिसर के चारों ओर बगीचे हैं, जहां बड़ी बड़ी झांकियां देखने को मिलती हैं। इस मंदिर में शाम के समय जाना ज्यादा बेहतर रहेगा। इसके अलावा इस्काॅन मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर, निधिवन, गोवर्धन पर्वत, कुसुम सरोवर और यमुना घाट पर भी आप घूमने जा सकते हैं। इन सभी को घूमने के लिए दो दिन पर्याप्त हैं।

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