उज्जवल निकम, अब बदलापुर की बेटियों को दिलाएंगे इंसाफ,कसाब को फांसी तक पहुॅचा चुके हैं
मुंबई के ठाणे जिले के बदलापुर में एक किंडरगार्टन में दो बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में सरकार की ओर से पब्लिक प्रॉसीक्यूटर (सरकारी अभियोजक) के तौर पर उज्जवल निकम खड़े होंगे. ये वही उज्जवल निकम हैं जिन्होंने कसाब को फांसी के फंदे तक पहुंचाया था. 71 साल के हो चुके उज्जवल निकम के नाम कई ऐसे केस हैं जिन्हें सुनकर रूह कांप जाती है लेकिन उन्हें सही अंजाम तक पहुंचाने वाले यही वकील थे.
आइए उनके बारे में जाने जरूरी बातें जो हो सकता है आपकी याददाश्त से गायब चुकी हों..
पहले भी कई HI-प्रोफाइल मामलों को संभाल चुके उज्जवल निकम 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल कसाब के मुकदमे में सरकारी वकील थे. उन्होंने कसाब की मौत की सजा के लिए जोरदार दलीलें दीं थीं. लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी कसाब को नवंबर 2012 में पुणे की यरवदा जेल में फांसी दी गई थी.
चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित निकम ने इस साल के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर मुंबई उत्तर मध्य निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. हालांकि कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ से वह हार गए थे.
देश में आतंकवाद के कई केसों में उनका नाम शान से लिया जाता है. 2016 में पद्मश्री से सम्मानितbadla किए गए निकम ने 1991 में कल्याण बम विस्फोट के लिए रविंदर सिंह को दोषी ठहराने में मदद की थी. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम बदलापुर मामले में विशेष सरकारी अभियोजक होंगे.
वह 1993 में मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले के लिए सरकारी वकील बने थे. उज्ज्वल निकम ने 1997 में बॉलीवुड प्रड्यूसर और टी सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार की हत्या जैसे कई हाई प्रोफाइल केस लिए.
उज्जल निकम बीजेपी नेता प्रमोद महाजन की हत्या के मामले में भी अभियोजक थे. महाजन की अप्रैल 2006 में एक विवाद के बाद उनके भाई प्रवीण ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
जान लें कि कोलकाता में डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले के बाद सामने आए बदलापुर में सफाईकर्मी के दो छोटी बच्चियों से सेकशुअल असॉल्ट के केस से देश का हर शख्स सकते में है. चार साल की लड़कियों के साथ 12-13 अगस्त को 23 साल के सफाईकर्मी अक्षय शिंदे ने कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया था. जिस वक्त शौचालय में यह उत्पीड़न हुआ वहां उस वक्त कथित तौर पर महिला कर्मचारी थी ही नहीं.
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