घूमने का शौक रखने वालों के लिए खुशखबरी वो भी कम बजट में


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अब दिल खोलकर करें नेपाल की सैर, दो साल बाद पर्यटकों के लिए फिर से खुल गई भारत-नेपाल सीमा

कोरोना काल में बंद धनगढ़ी-गौरीफंटा क्रॉसिंग को दो साल बाद फिर से लोगों के लिए खोल दिया गया है. इससे नेपाल घूमने की इच्छा रखने वालों को काफी राहत मिली है. काफी समय से वे इसके इंतजार में थे.

लखनऊ : भारत और नेपाल के बीच अंतराष्ट्रीय सीमा को फिर से पर्यटकों-श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है. यह सीमा कोरोना महामारी के दौरान बंद कर दी गई थी. पर्यटन के नजरिए से यह सीमा भारत-नेपाल के बीच अहम कड़ी मानी जाती है. दो साल बाद इस सीमा के खुलने से पर्यटक भारत और नेपाल के प्राकृतिक और रमणीय स्थलों का भ्रमण कर सकेंगे. इससे दोनों देशों को लाभ मिलेगा. दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक-आर्थिक संबंधों को मजबूती मिलेगी.

अब जानिए नेपाल की 10 खूबसूरत जगहों के बारे में : पोखरा नेपाल का खास पर्यटन स्थल माना जाता है. यह हमेशा से ही पर्यटकों को लुभाता रहा है. इस खूबसूरत झील के पास बैठकर लोग काफी समय गुजारते हैं. यहां मन को काफी शांति मिलती है. यह स्थान अनपूर्णा सरकिट का द्वार के नाम से भी जाना जाता है. यहां पैराग्लाइडिंग का भी सुनहरा अवसर मिलता है.

काठमांडू : काठमांडू नेपाल की राजधानी है. यहां माउंट एवरेस्ट का अलौकिक नजारा देखा जा सकता है. यहा धार्मिक यात्रियों के लिए भी है खास जगहों में से एक है. यहां पशुपति नाथ, बौद्ध नाथ व स्वंभूनाथ है मंदिर है. यहां नेपाल के पारंपरिक भोजनों का भी स्वाद ले सकते हैं. यहां ट्रैकिंग के सभी सामान मिलते हैं.

नगरकोट : नगरकोट भी पर्यटकों को लुभाता रहा है. यहां से हिमालय नजारा दिखता है. यहां के होटल की खिड़कियों से लोग आसानी से हिमालय को निहार सकते हैं. यह मनोरम नजारे को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं. सूर्योदय व सूर्यास्त के समय हिमालय का खूबसूरत दीदार यहां से किया जा सकता है.

सागरमथ नेशनल पार्क : यहां विश्व की सबसे ऊंची पर्वत माउंट एवरेस्ट है. यहां अन्य भी कई पर्वत चोटियां हैं. इनमें ल्होत्से, चो ओयू, थमसेरकू, नुपत्से, अमाडबलम व पुमोरी शामिल हैं. यहां बहुत-से पेड़-पौधे व जीव-जंतु भी रहते हैं. यह स्थान ट्रैकिंग के अलावा अद्भुत नजारों के लिए भी जाना जाता है. 

पशुपति नाथ मंदिर : यह मंदिर काठमांडू के किनारे पर है. भगवान पशुपतिनाथ नेपाल में पूज्य देव माने जाते हैं. इन्हें भगवान शिव के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर के पास से बागमती नदी गुजरती है. यह नेपाल का सबसे व्यस्त पर्यटन स्थल है. यह मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल है.

बौदानाथ : काठमांडू से कुछ ही दूरी पर यह स्थान है. यह तीर्थस्थल है. यहां तिब्बती तीर्थयात्री भी ध्यान योग के लिए आते हैं. मंदिर का स्तूप इसे खास बना देता है. यह नेपाल का सबसे बड़ा गोलाकार स्तूप माना जाता है. यह खासा चैत्य के नाम से भी मशहूर है.

महेंद्र गुफा : यह स्थान पोखरा के उत्तर दिशा में मौजूद है. यह गुफा फोटोग्राफी के लिए बेहतरीन स्थान है. यह कास्की जिले में है. इस गुफा को काफी दुर्लभ माना जाता है. पूरे साल यहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. गुफा के अंदर भगवान शिव की एक मूर्ति भी मौजूद है.

लुंबिनी : यह भगवान बुद्ध की जन्मस्थली है. यह नेपाल के खास पर्यटन स्थलों में से एक है. यह कपिलवस्ता क्षेत्र में स्थित है. काफी संख्य में लोग हर साल केवल लुंबिनी ही देखने के लिए नेपाल पहुंचते हैं. यह दुनिया के पवित्र स्थानों में से एक है. यहां आकर काफी शांति मिलती है.



चितवन राष्ट्रीय उद्यान : यह यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है. इसे वन्यजीवों का प्राकृतिक निवास माना जाता है. जंगल सफारी के लिए यह जगह मशहूर है. यह नेपाल का पहला राष्ट्रीय उद्यान है. इसे वर्ष 1973 में बनाया गया था. यह नेपाल के दक्षिण-मध्य भाग में है.


फेवा झील : यह नेपाल की काफी मशहूर मीठे पानी की झील है. यह हमेशा से ही पर्यटकों को लुभाता रहा है. झील में बांध-जलाशयों का पानी पहुंचता है. यह नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी झील है. इस झील को देखने के लिए सबसे ज्यादा पर्यटक नेपाल पहुंचते हैं.

प्रकृति प्रेमियों के लिए बड़ी राहत : उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि भारत-नेपाल के बीच स्थित धनगढ़ी और गौरीफंटा क्रासिंग 2 वर्षों से बंद थी. गौरीफंटा-धनगढ़ी सीमा को फिर से खोला जाना प्रकृति प्रेमियों के लिए विशेष महत्व है. यह मार्ग विभिन्न परिदृश्यों और विविध वन्य जीवन तक सीधी पहुंच प्रदान करता है. प्रदेश के लखीमपुर जनपद में स्थित दुधवा राष्ट्रीय उद्यान संरक्षित वन क्षेत्र है. घने जंगलों से घिरा यह इलाका रॉयल बंगाल टाइगर के लिए सबसे उपयुक्त क्षेत्र है. हर साल बड़ी संख्या में वन्य जीव प्रेमी यहां पहुंचते हैं.

यह राष्ट्रीय उद्यान नेपाल के धनगढ़ी शहर से लगा हुआ है. पर्यटन मंत्री ने बताया कि भारत की ओर से नेपाल जाने के इच्छुक पर्यटकों को बर्दिया राष्ट्रीय उद्यान खासा आकर्षित करता है. नेपाल की सैर पर जाने वालों को बर्दिया उद्यान में बाघों और एक सींग वाले गैंडों की बड़ी आबादी देखने को मिलती है. शुक्ला फांटा राष्ट्रीय पार्क लुभावने दृश्य और जैव विविधता का जीता-जागता उदाहरण है.


यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा घास का मैदान है, वहीं नेपाल में चितवन राष्ट्रीय उद्यान जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है, पर्यटकों की पहली पसंद है. यह घने जंगलों, वन्यजीव सफारी और अद्भुत जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है. लंबे समय बाद भारत और नेपाल के पर्यटकों को एक-दूसरे देश में फिर से जाने और घूमने का मौका मिलेगा. नेपाल में मौजूद पर्यटन स्थल न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान है, बल्कि दोनों (भारत और नेपाल) देशों के बीच आध्यात्मिक साधकों के लिए एक प्रवेश द्वार भी है.

बौद्ध पर्यटकों के लिए खुशखबरी : पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि गौरीफंटा-धनगढ़ी अंतरराष्ट्रीय सीमा का एक बार फिर खुलना बौद्ध पर्यटकों के लिए खुशखबरी है. यह मार्ग नेपाल से आने वाले पर्यटकों को उत्तर प्रदेश के विभिन्न वन्य जीव अभ्यारण्यों और सारनाथ व कुशीनगर जैसे पवित्र बौद्ध स्थलों की यात्रा का अवसर प्रदान करता है. बौद्ध सर्किट के अंतर्गत आने वाले डेस्टिनेशन की रोमांचक यात्रा को प्रेरित करता है. इस द्विपक्षीय प्रवेश द्वार से निकट भविष्य में भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूती मिलेगी.

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