कम उम्र वालों को भी पड़ रहा हार्ट अटैक -कारण धूम्रपान तनाव
45 हजार मरीजों के अध्ययन में हुआ खुलासा
हार्ट हास्पिटलों में कम और अधिक उम्र वालों की संख्या लगभग बराबर हुई है। तीन साल में 45 हजार रोगियों के अध्ययन से पता चला है कि स्मोकिंग और तनाव की वजह से कम उम्र के लोगों को भी हार्ट अटैक पड़ रहा है।
स्मोकिंग, तनाव, बिगड़े खानपान और व्यायाम में कोताही ने 40 साल से कम उम्र के हार्ट रोगियों की संख्या बढ़ा दी है। पहले 40 साल से कम और अधिक उम्र के रोगियों में 30 और 70 फीसदी का अंतर होता था, लेकिन चार सालों में इन आयु वर्गों के रोगियों की संख्या 50-50 प्रतिशत हो गई है। तीन सालों में हार्ट हॉस्पिटल, में हार्ट अटैक के लक्षण के साथ आए 45 हजार रोगियों के अध्ययन से यह तथ्य उजागर हुआ है। इन रोगियों में 75 फीसदी ने हार्ट अटैक के लक्षण उभरने के पहले कभी जांच ही नहीं कराई।
हार्ट हॉस्पिटल में आए हार्ट अटैक के लक्षणों वाले रोगियों के खानपान, दिनचर्या आदि का ब्योरा लिया गया। इसके साथ ही हेल्थ रिकार्ड की जांच की गई। इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर राकेश वर्मा ने बताया कि पहले हाइपरटेंशन, कोलेस्ट्रॉल सरीखी दिक्कतें 40 साल के बाद के आयु वर्ग में अधिक होती रहीं, लेकिन अब इन रोगों का आयु वर्ग घट गया है। इंस्टीट्यूट में आने वाले आधे रोगियों की उम्र 40 और इससे कम होती है। 25 साल की उम्र के रोगी आ रहे हैं।
स्मोकिंग, स्ट्रेस, कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लीसिराइड और व्यायाम की कमी 40 साल से कम और अधिक आयु वर्ग दोनों में पाई गई है। अलग-अलग कारणों से तनाव दोनों वर्गों के रोगियों में पाया गया है। स्ट्रेस के कारण स्मोकिंग की अधिकता हो जाती है, जिससे और जटिलताएं पैदा होने लगती हैं। प्रोफेसर वर्मा ने बताया कि शुरुआत में कोई जांच न कराने की वजह से रोग पता नहीं चलता। जब समस्या चरम पर पहुंचती तो जांचें होती हैं। अगर पहले जांचें हो जाएं तो एहतियात बरतकर जटिलताओं से बचा जा सकता है।
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