आज का पंचांग* दिन-शनिवार, दिनांक 05/10/2024
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*🌞सुप्रभातम🌞
* आज का पंचांग*
दिन-शनिवार, दिनांक 05/10/2024
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दिन-शनिवार, दिनांक 05/10/2024
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किराएदार के कई अधिकार हैं, इनमें ये शामिल हैं:
अगर आपका मानना है कि बतौर किराएदार आपके अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है, तो आपको सबसे पहले मकान मालिक से बात करने का प्रयास करना चाहिए। अगर मकान मालिक आपके अधिकारों का उल्लंघन करना बंद नहीं करता है, तो आपको कानूनी मदद लेने पर विचार करना चाहिए।
कानूनी मदद लेने के कई तरीके हैं। आप एक वकील से सलाह ले सकते हैं, किसी किरायेदार यूनियन से संपर्क कर सकते हैं, या एक निःशुल्क कानूनी सेवा प्रदान करने वाली एजेंसी की तलाश कर सकते हैं।
एक वकील से सलाह लेने से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आपके अधिकारों का उल्लंघन कैसे किया जा रहा है और आप क्या कर सकते हैं। एक किरायेदार यूनियन आपके अधिकारों की रक्षा में आपकी मदद कर सकता है और कानूनी सहायता प्रदान कर सकता है। एक निःशुल्क कानूनी सेवा प्रदान करने वाली एजेंसी आपको कानूनी सहायता प्रदान कर सकती है अगर आपके पास एक वकील को नियुक्त करने के लिए पैसे नहीं है।
अगर आप कानूनी मदद लेने का निर्णय लेते हैं, तो आपको कुछ दस्तावेज तैयार करने होंगे, जैसे कि एक पत्र जिसमें आप मकान मालिक को अपने अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए सूचित करते हैं और एक समझौता अगर आप मकान मालिक के साथ बातचीत करना चाहते हैं।
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि किरायेदारों के अधिकार कानून द्वारा संरक्षित हैं। यदि आपका मानना है कि आपके अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है, तो आपको कानूनी मदद लेने से डरना नहीं चाहिए।
भारत में सर्वोच्च न्यायालय के मुताबिक, मकान मालिक से बेदखली का नोटिस यानी Eviction notice लिए बिना किरायेदार को नहीं निकाल सकते हैं। यानी इसमें किसी किरायेदार को खबर किए बिना नहीं निकाला जा सकता है। इसकी एक नियत अवधि होनी चाहिए। इसमें किसी भी मकान मालिक के जरिए से 1872 का भारतीय अनुबंध अधिनियम में किरायेदारों को नोटिस के बिना मनमानी या अनुचित बेदखली से बचाता है। इसमें उचित किराये के अधिकार, अगर मकान मालिक मकान किराये पर देते समय असाधारण मात्रा में किराया वसूलता है तो उस पर कार्रवाई हो सकती है।
निजता का अधिकार, इसमें किराएदार को अपनी रहने वाली संपत्ति में निजता का अधिकार देता है। किसी भी किरायेदार के मकान में मकान मालिक बिना किराएदार के इजाजत के दखल नहीं दे सकता है। इसमें बिना किसी बाधा के जीने का अधिकार भी लागू होता है।
मुआवजा का अधिकार, मकान मालिकों को सूचना का अधिकार और किराया नियंत्रण अधिनियम 1948 के तहत कई अधिकार उपलब्ध हैं। इसमें मरम्मत का भी अधिकार मिलता है।
किरायेदारों को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होना चाहिए और यदि उन्हें लगता है कि उनके अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है तो कानूनी मदद लेनी चाहिए।
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जानिए क्या है महिमा कानपुर के इन प्रसिद्ध मन्दिरों की
जानिए, कानपुर स्थित मॉ तपेश्वरी देवी, मॉ बारह देवी, मॉ जंगली देवी की महिमा
मां तपेश्वरी मंदिर में कानपुर और आसपास के क्षेत्रों के लोगों की अटूट श्रद्धा है, मंदिर के बारे में लोग कहते हैं कि, मां सीता पर अयोध्या में उठ रहे सवालों के बाद जब भगवान श्रीराम ने मां का त्याग किया था तो वह काफी दिनों तक मां बिठूर के आश्रम में रहीं थीं. जहां लव और कुश का जन्म हुआ .उसके बाद मां सीता ने लव-कुश का मुंडन संस्कार यहीं पर कराया था.
सैकड़ों साल पुराने इस ऐतिहासिक मां तपेश्वरी मंदिर के बारे में कहा जाता है कि त्रेता युग में मां तपेश्वरी देवी प्रकट हुईं थीं. इस मंदिर की मान्यता मां के शक्तिपीठों से है. मान्यता ये भी है कि यहां पर मां के सामने शीश झुकाने और अखंड ज्योत जलाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. नवरात्रि के मौके पर मां तपेश्वरी मंदिर की गलियों में मां के जयकारों की गूंज के साथ भक्तों की असीम आस्था दिखाई पड़ती है. इस दौरान मंदिर में बहुतायत मात्रा में लोग मुंडन संस्कार कराते हुए भी नजर आते हैं. कानपुर के बिरहाना रोड स्थित पटकापुर की तंग गलियों में मां के मंदिर की अनूठी छटा देखने को मिलती है.
वहां कभी गंगा की धारा बहती थी और घना जंगल हुआ करता था। मां तपेश्वरी के दर्शन से कष्टों का निवारण होता है।मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भी भक्त यहां अखंड ज्योति जलाते हैं भगवती उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करती हैं। यहां लखनऊ, रायबरेली, फर्रुखाबाद आदि जिलों से आकर मां के दर्शन करते हैं और मां के दरबार में अखंड ज्योति जलाते हैं। बच्चों का यहां मुंडन भी होता है। मां के 108 नामों का जप नवरात्र में करना चाहिए। मां के नामों का जप करने से पद, प्रतिष्ठा और ऐश्वर्य की कामना पूरी होती है।
मां तपेश्वरी मंदिर का इतिहास जब लंका पर विजय के बाद भगवान राम अयोध्या पहुंचे तो धोबी के ताना मारने पर मां सीता को उन्होंने त्याग दिया था। लक्ष्मण जी जानकी जी को लेकर ब्रह्मावर्त स्थित वाल्मीकि आश्रम के पास छोड़ गए थे। आज जहां तपेश्वरी माता मंदिर स्थित है तब वहां घना जंगल था और मां गंगा वहीं से बहती थीं। सीता जी ने तब यहां पुत्र की कामना के लिए तप किया था। भगवती सीता के तप से ही तपेश्वरी माता का प्राकट्य हुआ था। लव कुश के जन्म के बाद सीता जी ने मां के समक्ष ही दोनों पुत्रों का मुंडन कराया था।
मंदिर जाने का रास्ता सेंट्रल स्टेशन से घंटाघर, नयागंज होते हुए बिरहाना रोड। घंटाघर से एक्सप्रेस रोड, मालरोड, बिरहाना रोड पहुंचा जा सकता है। रावतपुर से बड़ा चौराहा, मालरोड होते हुए भी मंदिर पहुंच सकते हैं। मंदिर के पुजारी शिवमंगल बताते हैं कि मां सब पर कृपा करती हैं। मां तपेश्वरी के दर्शन पूजन से समस्त कष्टों का निवारण होता है। इस लिए मां के दर्शन को दूर दराज से लोग आते हैं।
प्रसिद्ध इतिहासकार रामकृष्ण अवस्थी के मुताबिक इस ताम्रपत्र पर अंकित लिपि इस इस बात की और इशारा करती है कि यह लगभग 1200 वर्ष से अधिक प्राचीन है. यह ताम्रपत्र राजा भोज के समय का है. इस ताम्रपत्र को मंदिर में स्थापित कराया गया था जहां इस वक्त यह विशाल मंदिर बना हुआ है.
काली मठिया मंदिर कानपुर के शास्त्री नगर में स्थित काली मठिया मंदिर भी बेहद प्राचीन और पूजनीय मंदिरों में से एक है. यह काली माता का सबसे बड़ा सिद्ध मंदिर है. इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि जो भी इस मंदिर में 41 दिनों तक आरती में शामिल होता है, उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है. नवरात्र में इस मंदिर में बड़ी भीड़ इकट्ठा होती है. यह मंदिर लगभग 200 साल पुराना है. इस मंदिर को लेकर कहानी है कि एक गाय यहां पर रोज आकर अपना दूध छोड़ देती थी. जब यहां पर खुदाई कराई गई तब यह माता की मूर्ति यहां से निकली. इसके बाद यहां पर माता के मंदिर का निर्माण कराया गया.
मां भवानी के इन 108 नाम जपें और पाएं समृद्धि
-सती, साध्वी, भवप्रीता, भवानी, भवमोचनी, आर्या, दुर्गा, जया, आद्या, त्रिनेत्रा, शूलधारिणी, पिनाकधारिणी, चित्रा, चण्डघण्टा, महातपा :, मन: , बुद्धि : मां दुर्गा का नाम है।
-अहंकारा, चित्तरूपा, चिता, चिति:, सर्वमन्त्रमयी, सत्ता, सत्यानन्दस्वरूपिणी, अनन्ता, भाविनी, भाव्या, भव्या, अभव्या, सदागति:, शाम्भवी, देवमाता, चिन्ता, रत्नप्रिया, सर्वविद्या के नाम से भी मां जानी जाती हैं।
-दक्षकन्या, दक्षयज्ञविनाशिनी, अपर्णा, अनेकवर्णा, पाटला, पाटलावती, पट्टाम्बरपरीधाना, कलमंजीररंजिनी, अमेयविक्रमा, क्रूरा, सुंदरी, सुरसुन्दरी, वनदुर्गा, मातंगी, मतंगमुनिपूजिता, ब्राह्मी, माहेश्वरी भी मां के नाम हैं।
-ऐन्द्री, कौमारी, वैष्णवी, चामुण्डा , वाराही, लक्ष्मी: , पुरुषाकृति:, विमला, उत्कर्षिणी, ज्ञाना, क्रिया, नित्या, बुद्धिदा, बहुला, बहुलप्रेमा, सर्ववाहनवाहना, निशुम्भशुम्भहननी भगवती का नाम है।
-महिषासुरमर्दिनी, मधुकैटभहन्त्री, चण्डमुण्डविनाशिनी, सर्वासुरविनाशा, सर्वदानवघातिनी, सर्वशास्त्रमयी, सत्या, सर्वास्त्रधारिणी, अनेकशस्त्रहस्ता, अनेकास्त्रधारिणी भगवती का नाम है।
-कुमारी, एककन्या, कैशोरी, युवती, यति:, अप्रौढा, प्रौढा, वृद्धमाता, बलप्रदा, महोदरी, मुक्तकेशी, घोररूपा, महाबला, अग्निज्वाला, रौद्रमुखी, कालरात्रि:, तपस्विनी, नारायणी, भद्रकाली नाम भी भगवती दुर्गा का है।
-विष्णुमाया, जलोदरी, शिवदूती, कराली, अनन्ता, परमेश्वरी, कात्यायनी, सावित्री, प्रत्यक्षा व ब्रह्मवादिनी नाम से भी भगवती की स्तुति होती है।
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🌞सुप्रभातम🌞
📜«««आज का पञ्चांग»»»📜
दिनांक:- 04/09/2024,, शुक्रवार*
कलियुगाब्द.......................5126
विक्रम संवत्......................2081
शक संवत्.........................1946
मास..................................अश्विन
पक्ष...................................शुक्ल
तिथी...............................द्वितीया
दुसरे दिन प्रातः 05.30 पर्यंत पश्चात तृतीया
रवि............................दक्षिणायन
सूर्योदय.......प्रातः 06.19.12 पर
सूर्यास्त........संध्या 06.11.55 पर
सूर्य राशि...........................कन्या
चन्द्र राशि............................तुला
गुरु राशि............................वृषभ
नक्षत्र..................................चित्रा
संध्या 06.30 पर्यंत पश्चात स्वाति
योग..................................वैधृति
दुसरे दिन प्रातः 05.10 पर्यंत पश्चात विष्कुम्भ
करण................................बालव
दोप 04.14 पर्यंत पश्चात कौलव
ऋतु............................(इष) शरद
दिन..................................शुक्रवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
04 अक्तूबर सन 2024 ईस्वी ।
☸ शुभ अंक.......................1
🔯 शुभ रंग...............आसमानी
👁🗨 *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 11.51 से 12.38 बजे तक ।
👁🗨 *राहुकाल (अशुभ) :-*
प्रात: 10.47 से 12.15 तक ।
🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा - यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।
🌞 *उदय लग्न तालिका -*
*कन्या*
05:07:46 07:18:25
*तुला*
07:18:25 09:33:03
*वृश्चिक*
09:33:03 11:49:13
*धनु*
11:49:13 13:54:50
*मकर*
13:54:50 15:41:56
*कुम्भ*
15:41:56 17:15:29
*मीन*
17:15:29 18:46:41
*मेष*
18:46:41 20:27:25
*वृषभ*
20:27:25 22:26:05
*मिथुन*
22:26:05 24:39:47
*कर्क*
24:39:47 26:55:57
*सिंह*
26:55:57 29:07:46
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.50 से 09.18 तक लाभ
प्रात: 09.18 से 10.46 तक अमृत
दोप. 12.14 से 01.42 तक शुभ
सायं 04.38 से 06.08 तक चंचल
रात्रि 09.10 से 10.42 तक लाभ ।
📿 *आज का मंत्रः*
॥ ॐ माधवाय नमः॥
📢 *सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (नवमोऽध्यायः - राजविद्याराजगुह्ययोग:) -*
अहं हि सर्वयज्ञानां भोक्ता च प्रभुरेव च ।
न तु मामभिजानन्ति तत्त्वेनातश्च्यवन्ति ते ॥९- २४॥
अर्थात :
क्योंकि संपूर्ण यज्ञों का भोक्ता और स्वामी भी मैं ही हूँ, परंतु वे मुझ परमेश्वर को तत्त्व से नहीं जानते, इसी से गिरते हैं अर्थात् पुनर्जन्म को प्राप्त होते हैं॥24॥
🍃 *आरोग्यं :-*
माइग्रेन इलाज के लिए प्राकृतिक घरेलू नुस्खे :-
*पुदीने का तेल* - इस तेल में एंटी इंफ्लैमटरी गुण होते हैं जो सिर दर्द में आपको राहत दे सकते हैं। इसकी कुछ बूंदे जीभ पर रखने और कुछ अपने सिर पर लगा कर मालिश करने से माइग्रेन से आराम मिलता है।
*आराम करें* - ध्यान सिर दर्द को दूर करने में काफी कारगर होता है। माइग्रेन के इलाज के लिए ध्यान करना सबसे अच्छा तरीका होगा।
* बर्फ का पैक* - बर्फ के टुकड़े एक पैक में लेकर सिर दर्द की जगह पर रखें। बर्फ में एंटी इंफ्लैमटरी गुण होते है जिससे सिर का दर्द ठीक हो सकता है। आप चाहें तो किसी और ठंडी चीज़ का पैक भी बना सकते है।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
आज भूमि व भवन की खरीद-फरोख्त लाभदायक रहेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। कुसंगति से बचें। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेशादि शुभ रहेंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी बड़े काम में हाथ डाल पाएंगे।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
अध्यात्म में रुचि रहेगी। किसी धार्मिक आयोजन में भाग लेने का मौका हाथ आएगा। सुख-शांति बने रहेंगे। कारोबार मनोनुकूल चलेगा। मित्रों का सहयोग लाभ में वृद्धि करेगा। लंबित कार्य पूर्ण होंगे। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। प्रमाद न करें।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। प्रसन्नता तथा मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे। कारोबार लाभदायक रहेगा। भाइयों से सहयोग मिलेगा। कुसंगति से हानि होगी। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। जल्दबाजी न करें। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
व्यवसाय-व्यापार से मनोनुकूल लाभ होगा। मेहनत अधिक होगी। समय पर बाहर से धन नहीं मिलने से निराशा रहेगी। हंसी-मजाक करने से बचें। नौकरी में अधिकारी अधिक की अपेक्षा करेंगे। मातहतों का साथ नहीं मिलेगा। थकान रहेगी। बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। जॉब में लाभ के अवसर टलेंगे।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। धन प्राप्ति सु्गम होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सभी काम समय पर होने से प्रशंसा प्राप्त होगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। पारिवारिक चिंताओं में कमी होगी। प्रमाद न करें।
👧 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
पुराने साथियों तथा रिश्तेदारों से मुलाकात सुखद रहेगी। अच्छे समाचार प्राप्त होंगे। मान बढ़ेगा। किसी नए उपक्रम को प्रारंभ करने पर विचार होगा। लंबी यात्रा की इच्छा रहेगी। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाजी न करें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
कारोबार से लाभ होगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। आय बनी रहेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है। अज्ञात भय रहेगा। अनहोनी की आशंका रहेगी। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। किसी भी व्यक्ति के उकसाने में न आएं।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
आज फालतू धन खर्च होगा। शत्रुओं से सावधानी आवश्यक है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। कोई भी निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। वाणी पर नियंत्रण रखें। काम में मन नहीं लगेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। इच्छाशक्ति प्रबल करें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। यात्रा मनोनुकूल रहेगी। नए काम हाथ में आएंगे। कारोबारी वृद्धि से प्रसन्नता रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। अज्ञात भय रहेगा। पारिवारिक सहयोग से प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
योजना फलीभूत होगी। कार्यपद्धति में सुधार होगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। मेहनत सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। शेयर मार्केट में जल्दबाजी से बचें। विवेक का प्रयोग करें। भाग्य का साथ मिलेगा। वरिष्ठ व्यक्तियों का मार्गदर्शन मिलेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
राजकीय सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से खिन्नता रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। समय की अनुकूलता मिलेगी। आलस्य हावी रहेगा। घर में सुख-शांति रहेगी। लाभ होगा।
🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। नए काम मिल सकते हैं। कार्य से संतुष्टि रहेगी। प्रसन्नता तथा उत्साह का वातावरण बनेगा। कारोबार लाभदायक रहेगा। निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। प्रमाद से बचें।
☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
अगर आपको हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ भी सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना न भूलें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए www.newsbin24.com से जुड़े रहें।
शारदीय नवरात्रि में घटस्थापना करना मंगलदायक माना जाता है। क्योंकि घट यानि कि कलश में ब्रह्रा, विष्णु और भगवान शिव का वास होता है। इसलिए कलश स्थापना करने से इन तीनों भगवान की भी पूजा हो जाती है। वहीं अगर घटस्थापना के शुभ मुहूर्त की बात करें तो घट स्थापना के पंचांग में कई मुहूर्त दिए गए हैं, जो इस प्रकार हैं…
शारदीय नवरात्रि में घटस्थापना करना मंगलदायक माना जाता है। क्योंकि घट यानि कि कलश में ब्रह्रा, विष्णु और भगवान शिव का वास होता है। इसलिए कलश स्थापना करने से इन तीनों भगवान की भी पूजा हो जाती है। वहीं अगर घटस्थापना के शुभ मुहूर्त की बात करें तो घट स्थापना के पंचांग में कई मुहूर्त दिए गए हैं, जो इस प्रकार हैं…
नवरात्रि घटस्थापना 2024 | 3 अक्टूबर 2024, गुरुवार |
नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त 2024 | 06:15 AM से 07:22 AM |
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त 2024 | 11:46 AM से 12:33 PM |
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ | 03 अक्टूबर 2024 को 12:18 AM बजे |
प्रतिपदा तिथि समाप्त | 04 अक्टूबर 2024 को 02:58 AM बजे |
कन्या लग्न प्रारम्भ | 03 अक्टूबर 2024 को 06:15 AM बजे |
कन्या लग्न समाप्त | 03 अक्टूबर 2024 को 07:22 AM बजे |
मां भवानी के इन 108 नाम जपें और पाएं समृद्धि
-सती, साध्वी, भवप्रीता, भवानी, भवमोचनी, आर्या, दुर्गा, जया, आद्या, त्रिनेत्रा, शूलधारिणी, पिनाकधारिणी, चित्रा, चण्डघण्टा, महातपा :, मन: , बुद्धि : मां दुर्गा का नाम है।
-अहंकारा, चित्तरूपा, चिता, चिति:, सर्वमन्त्रमयी, सत्ता, सत्यानन्दस्वरूपिणी, अनन्ता, भाविनी, भाव्या, भव्या, अभव्या, सदागति:, शाम्भवी, देवमाता, चिन्ता, रत्नप्रिया, सर्वविद्या के नाम से भी मां जानी जाती हैं।
-दक्षकन्या, दक्षयज्ञविनाशिनी, अपर्णा, अनेकवर्णा, पाटला, पाटलावती, पट्टाम्बरपरीधाना, कलमंजीररंजिनी, अमेयविक्रमा, क्रूरा, सुंदरी, सुरसुन्दरी, वनदुर्गा, मातंगी, मतंगमुनिपूजिता, ब्राह्मी, माहेश्वरी भी मां के नाम हैं।
-ऐन्द्री, कौमारी, वैष्णवी, चामुण्डा , वाराही, लक्ष्मी: , पुरुषाकृति:, विमला, उत्कर्षिणी, ज्ञाना, क्रिया, नित्या, बुद्धिदा, बहुला, बहुलप्रेमा, सर्ववाहनवाहना, निशुम्भशुम्भहननी भगवती का नाम है।
-महिषासुरमर्दिनी, मधुकैटभहन्त्री, चण्डमुण्डविनाशिनी, सर्वासुरविनाशा, सर्वदानवघातिनी, सर्वशास्त्रमयी, सत्या, सर्वास्त्रधारिणी, अनेकशस्त्रहस्ता, अनेकास्त्रधारिणी भगवती का नाम है।
-कुमारी, एककन्या, कैशोरी, युवती, यति:, अप्रौढा, प्रौढा, वृद्धमाता, बलप्रदा, महोदरी, मुक्तकेशी, घोररूपा, महाबला, अग्निज्वाला, रौद्रमुखी, कालरात्रि:, तपस्विनी, नारायणी, भद्रकाली नाम भी भगवती दुर्गा का है।
-विष्णुमाया, जलोदरी, शिवदूती, कराली, अनन्ता, परमेश्वरी, कात्यायनी, सावित्री, प्रत्यक्षा व ब्रह्मवादिनी नाम से भी भगवती की स्तुति होती है।
अगर आपको हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ भी सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना न भूलें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए www.newsbin24.com से जुड़े रहें।