कौन है लॉरेंस बिश्नोई, सलमान खान को धमकी देने वाला ? कितना बड़ा है उसका गैंग नेटवर्क?

कौन है लॉरेंस बिश्नोई, सलमान खान को धमकी देने वाला ? कितना बड़ा है उसका गैंग नेटवर्क?


छात्र राजनीति में आने के बाद लॉरेंस बिश्नोई के कदम अपराध की दुनिया की ओर मुड़ गएलॉरेंस बिश्नोई के गिरोह ने पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या करने का दावा किया था.लॉरेंस बिश्नोई ने एक हिट लिस्ट जारी की, जिसमें अभिनेता सलमान खान का नाम भी था.

लॉरेंस बिश्नोई: बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के मुंबई स्थित गैलेक्सी अपार्टमेंट पर रविवार तड़के फायरिंग की घटना हुई. 14 अप्रैल की सुबह 4 बजकर 55 मिनट पर दो लोगों ने चार-पांच राउंड फायरिंग की थी. जिसके बाद चारों तरफ दहशत का माहौल व्याप्त हो गया. फायरिंग करने वाले दोनों शूटर्स को कच्छ (गुजरात) के भुज से गिरफ्तार कर लिया गया है. ये दोनों ही गैंगस्टर लॉरेंस ब‍िश्‍नोई गैंग के सदस्‍य बताए जा रहे हैं.

कौन है लॉरेंस बिश्नोई?

जन्म के समय उसका चमकदार चेहरा देखकर उसकी मां इतनी खुश हुई कि नाम ही रख दिया, लॉरेंस. उसके पुलिसकर्मी पिता ने घोषणा की कि उनका बेटा एक आईपीएस अधिकारी बनेगा. 12 फरवरी 1993 को जन्मा लॉरेंस बिश्नोई स्नातक है और पंजाब के फिरोजपुर का निवासी है. लॉरेंस के पिता 1992 में हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल के रूप में शामिल हुए थे. लेकिन उन्होंने पांच साल बाद अपनी नौकरी छोड़ दी और खेतीबाड़ी शुरू कर दी. लॉरेंस ने पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की है. 2009 में पढ़ाई के दौरान वह पंजाब यूनिवर्सिटी के एक छात्र संगठन से जुड़ा. उसी दौरान उसकी मुलाकात छात्र संगठन के अध्यक्ष गोल्डी बराड़ से हुई. 

छात्र राजनीति से अपराध की ओर

गोल्डी से मिलने और विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में आने के बाद बिश्नोई के कदम अपराध की दुनिया की ओर मुड़ गए. उसने अवैध गतिविधियों में शामिल होना शुरू कर दिया. लगभग तीन दशक बाद, लॉरेंस बिश्नोई एक ‘आतंकवादी’ है, जिसके खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी और दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह ने पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या करने का दावा किया था. लॉरेंस वर्तमान में दिल्ली की तिहाड़ जेल की जेल नंबर 8 में उच्च सुरक्षा वाले वार्ड में कैद है. लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ दो दर्जन आपराधिक मामले हैं जिनमें हत्या और जबरन वसूली के मामले भी शामिल हैं. हालांकि उसने इन आरोपों से इनकार किया है.

चुनाव हारना एक अहम मोड़
जो बिश्नोई लोग उसे करीब से जानते हैं वे उसके गुणों से अच्छी तरह वाकिफ हैं. वह कॉलेज चुनाव में एक कुशल योजनाकार साबित हुआ. उसने स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (एसओपीयू) का गठन किया, जो आज भी मौजूद है. अच्छी योजना और दिन-रात प्रचार के बावजूद बिश्नोई चुनाव हार गया. कॉलेज चुनाव में हार बिश्नोई के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ लेकर आई. वह बचपन से ही हार स्वीकार नहीं कर पाता था. प्रतिद्वंद्वी की जीत का जश्न चरम पर था. उसने अपमानित महसूस किया. एक पुलिस वाले ने खुलासा किया, हारने के बाद उसका पहला कदम रिवॉल्वर खरीदना था. फरवरी 2011 में, हाथापाई के दौरान बिश्नोई ने अपनी पिस्तौल निकाल ली और गोलियां चला दीं.

घातक रहा गैंगस्टरों का साथ
इस घटना के बाद बिश्नोई के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज की गई. तब 19 साल के बिश्नोई ने गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया और रॉकी फाजिल्का का समर्थन मांगा. युवा लॉरेंस ने अपराध की दुनिया में अपने कदम रखे और उनका साथ घातक साबित हुआ. गुरदासपुर का रहने वाला भगवानपुरिया बिश्नोई और फाजिल्का के लिए एक तरह से गुरु था.“ उसने न केवल धंधे के गुर सिखाए बल्कि उसे अपने कामों में खुली छूट भी दी. बिश्नोई तेजी से आगे बढ़ा और उसने  खुद को पंजाब के अपराध जगत में स्थापित कर लिया.

दूसरे राज्यों में भी बनाई पैठ
लॉरेंस का घनिष्ठ मित्र संपत नेहरा उसका सबसे करीबी सहयोगी बन गया. संपत एक पुलिस इंस्पेक्टर का बेटा और एक बढ़िया एथलीट था. पुलिस जांचकर्ताओं का कहना है कि बिश्नोई कभी भी एक हिटमैन नहीं था, बल्कि एक योजनाकार और एक सम्मोहक नेता था. उसने उत्तर भारत के हर राज्य में गिरोहों के साथ गठबंधन बनाने का लगभग असंभव और खतरनाक विचार को अंजाम दिया. पंजाब के बाहर, इस तिकड़ी ने हरियाणा में काला जठेड़ी और दिल्ली में जितेंद्र गोगी के साथ गठबंधन किया. राजस्थान में आनंदपाल और बाद में उसकी शिष्या अनुराधा साझेदार बन गए. भगवानपुरिया द्वारा बिश्नोई से परिचय कराने के बाद उत्तर प्रदेश के एक नेता ने भी समर्थन किया.

कैसा है बिश्नोई का गिरोह

बिश्नोई के गिरोह में पेशेवर निशानेबाज शामिल हैं. वे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश से काम करते हैं और उनका नेटवर्क दुनिया भर में फैला हुआ है. उसके साथी संदीप उर्फ ​​काला जठेड़ी को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) मामले में 5 लाख रुपये के इनामी के साथ गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल जेल में बंद है. कहा जाता है कि उसके गिरोह में 700 से अधिक शूटर्स हैं. 

सोशल मीडिया पर छा गया

इन गठबंधनों ने बिश्नोई को वह बनाया जो वह आज हैं. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “इन गठबंधनों को मजबूत करने के बाद, जेल में रहते हुए भी बिश्नोई काम कर सकता था. लक्षित हत्याओं और जबरन वसूली से होने वाले मुनाफे को सभी के साथ साझा किया गया. हालांकि 2014-15 में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. हिरासत से भागकर वह नेपाल पहुंच गया और कुछ महीनों के भीतर नाटकीय ढंग से दोबारा गिरफ्तार किया गया. बिश्नोई अपने गिरोह के फायदे के लिए फेसबुक और यूट्यूब का उपयोग करने में अगुआ बन गया. जिम में अपनी तस्वीर से लेकर हिरासत में अदालत के दौरे तक, गैंगस्टर ने यह सुनिश्चित किया कि वह सोशल मीडिया पर छा जाए. लाखों व्यूज ने उसकी छवि को मजबूत किया और जबरन वसूली की मांग करने में मदद की. पंजाब के एक पुलिसकर्मी ने कहा, “यह देखकर दिल्ली और हरियाणा में गैंगस्टर भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए.”

हिट लिस्ट में सलमान खान का नाम

इसके बाद बिश्नोई ने एक हिट लिस्ट जारी की, जिसमें अभिनेता सलमान खान का नाम भी था. गैंगस्टर ने पुलिस को बताया कि यह राजस्थान में बिश्नोई समुदाय को श्रद्धांजलि देने के लिए था. क्योंकि अभिनेता ने समुदाय के लिए पवित्र काले हिरण का शिकार किया था. बिश्नोई ने सलमान खान को मारने के लिए नेहरा और अन्य को मुंबई भेजा. बिश्नोई समुदाय काले हिरण प्रजाति को पवित्र मानता है. 2022 की मई में पंजाबी गायक नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने बिश्नोई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दियाय बराड़ ने हत्या की जिम्मेदारी ली. सुरक्षा प्रतिष्ठानों ने आखिरकार बिश्नोई पर तुरंत फंदा कस दिया. जेल में उसको मिली खुली छूट ख़त्म हो गई. एनआईए ने खालिस्तानी समर्थकों के साथ उनके संबंधों और आईएसआई के साथ उनके जुड़ाव के आरोपों की जांच शुरू कर दी.

यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज

बिश्नोई के सिंडिकेट और उसके सहयोगियों पर पूरी तरह से कार्रवाई करने का आदेश दिया गया.  उसके और अन्य लोगों के खिलाफ यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज की गई. वरिष्ठ अधिकारियों ने यह भी कहा कि बिश्नोई गिरोह ने अपने संभावित रंगरूटों को कनाडा में एक नया जीवन देने का भी वादा किया था. क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने कहा, “ऐसे ज्यादातर लोग गरीब या टूटे बिखरे परिवारों से आते हैं और अपराध की दुनिया में बड़ा नाम कमाने की चाहत रखते हैं और इसे हासिल करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं.” अधिकारियों ने कहा कि इंस्टाग्राम और फेसबुक गिरोह के सदस्यों को प्रभावित करने और भर्ती करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं.


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