दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर हाई-लेवल मीटिंग
CM आतिशी समेत कई पदाधिकारी मौजूद
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मंगलवार को राज्य सरकार की एक उच्च स्तरीय बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। जिसमें दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और विभिन्न विभागों के शीर्ष अधिकारी भी शामिल होंगे।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के पहले चरण को लागू कर दिया गया है। हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंचने के बाद प्रदूषण नियंत्रण के लिए यह कदम उठाया गया। GRAP के चरण-I के तहत पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। सड़क किनारे भोजनालयों होटलो एवं रेस्तरां में कोयले के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
- 2023 में छह अक्टूबर को "खराब" श्रेणी में दर्ज की गई थी दिल्ली की हवा
- इस वर्ष 13 अक्टूबर को "खराब" श्रेणी पहुंची राजधानी की हवा
- कोयले और लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश
- पटाखे के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर 1 जनवरी तक रोक
राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कुछ दिनों से वायु प्रदूषण सूचकांक (एक्यूआई) लगातार ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किए जाने के बाद दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण समिति ने सोमवार को क्षेत्र में राज्य सरकारों को ‘ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (ग्रैप) के चरण एक के तहत प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था।
ग्रैप चरण एक के तहत प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की सख्त जांच, बेहतर यातायात प्रबंधन और उद्योगों, बिजली संयंत्रों एवं ईंट भट्टों में उत्सर्जन नियंत्रण को अनिवार्य किया गया है। पहले चरण में खुले में कचरा जलाने पर भी प्रतिबंध है, डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल को सीमित किया गया है और भोजनालयों में कोयले या लकड़ी के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है।
दिल्ली सरकार ने सोमवार को सर्दियों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता की स्थिति बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर एक जनवरी, 2025 तक पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।
वर्ष 2023 की तुलना में इस साल ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के पहले चरण की पाबंदियां छह दिन बाद लगी हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले साल दिल्ली का एक्यूआई छह अक्टूबर को ही 200 का आंकड़ा पार कर "खराब" श्रेणी में पहुंच गया था। जबकि इस साल यह स्थिति 13 अक्टूबर को बनी।
मतलब, 2023 के मुकाबले इस साल दिल्ली वासियों को छह दिन अधिक साफ हवा मिल पाई। मौसम विभाग ने अगले कुछ हवा की गुणवत्ता "खराब" श्रेणी में ही रहने का पूर्वानुमान जारी किया है। इसीलिए आयोग ने सीपीसीबी, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीसीसीसी) और एनसीआर से संबंधित राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है।
CQM द्वारा आम नागरिकों के लिए दिए गए निर्देश
- अपनी कार, बाइक, स्कूटर इत्यादि वाहनों का इंजन ठीक रखें। -वाहनों के टायरों में उचित वायुदाब बनाकर रखें।
- अपने वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसी) अपडेट रखें। -वाहन को लाल बत्ती पर बंद करके रखें।
- खुली जगह में कूड़ा कचरा न फेंके।
- वायु प्रदूषण फैलाने वाले गतिविधियों को 311 एप, ग्रीन दिल्ली एप व समीर एप के माध्यम से रिपोर्ट करें।
- दस साल से पुराने डीजल एवं 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन नहीं चलाएं।
27 सूत्री एक्शन प्लान के तहत निर्देश
- 500 वर्गमीटर और उससे बड़े भूखंडों में चल रहे उन परियोजनाओं के निर्माण कार्य व विध्वंस (ढहाने) पर रोक रहेगी जो अब तक दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हरियाणा सरकार के संबंधित पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हैं।
- निर्माणाधीन, भवनों को ढहाने के स्थल पर धूल व ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए उचित प्रबंध सुनिश्चित होना चाहिए।
- नगर निगम द्वारा नियमित रूप से कूड़ा, मलबा व खतरनाक कचरे को प्रतिदिन उठाया जाना चाहिए। साथ ही कूड़ा व मलबा खुली जगह पर अवैध रूप से नहीं गिराया जाना चाहिए।
- समय समय पर सड़कों मशीन से सफाई व पानी का छिड़काव होना चाहिए। सफाई के दौरान एकत्रित धूल को चिह्नित लैंडफिल साइड पर ही गिराया जाना चाहिए।
- निर्माण स्थलों का निर्माण सामग्री ढंक कर रखना होगा। निमार्ण और विध्वंस के दौरान निकले मलबे को संयंत्र में रिसाइकिल किया जाना चाहिए।
- निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
- खुले में कूडा व जैविक कचरा जलाए जाने पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करें। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारी जुर्माना लगाया जाए। 8. लैंडफिल साइटों पर आग जलने की कोई घटना न होने पाए इसके लिए कड़ी निगरानी रखनी होगी।
- जाम वाले चौराहों और चिह्नित सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस तैनात किए जाएं, ताकि ट्रैफिक जाम न होने पाए।
- पीयूसी मानकों को सख्ती से लागू किया जाए।
- अधिक धुआं फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ अधिकतम जुर्माना लगाना होगा और सख्त कार्रवाई करनी होगी।
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत गैर जरूरी ट्रक दिल्ली एनसीआर में प्रवेश ना करें।
- अवैध औद्योगिक इकाइयों और नियमों का पालन नहीं करने वाली इकाइयों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी।
- औद्योगिक इकाइयों में स्वीकृत ईंधन का ही इस्तेमाल सुनिश्चित करना होगा। इसका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- ईंट भट्टों और उद्योगों में प्रदूषण की रोकथाम के सभी नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
- थर्मल पावर प्लांट में उत्सर्जन मानदंडों को सख्ती से लागू किया जाएगा और उसका पालन नहीं करने पर कार्रवाई की जाए।
- यदि कहीं फ्लाई ऐश निकल रही है तो हर दूसरे दिन पानी का छिड़काव होना चाहिए।
- पटाखों पर प्रतिबंध के अदालत के आदेशों को सख्ती से लागू करें।
- औद्योगिक और अनधिकृत क्षेत्रों से नियमित रूप से औद्योगिक कचरे को उठाया जाना चाहिए।
- दिल्ली एनसीआर में बिजली वितरण कंपनियां बिजली कटौती कम करें।
- यह सुनिश्चित करना होगा कि नियमित बिजली आपूर्ति के लिए डीजल जनरेटर सेट का इस्तेमाल न होने पाए।
- सोशल मीडिया, मोबाइल एप सहित सूचना प्रसार के अन्य माध्यमों का इस्तेमाल कर लोगों को प्रदूषण के स्तर की जानकारी देनी होगी। इसके अलावा नियंत्रण कक्ष का नंबर और प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी दी जानी चाहिए।
- प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए 311 एप, ग्रीन दिल्ली एप, समीर ऐप और
- सड़क पर ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए कार्यालयों के कर्मचारियों को एकीकृत आवागमन के साधनों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
- सुनिश्चित करें कि डीजल जनरेटर सेट का उपयोग बिजली आपूर्ति के नियमित स्रोत के रूप में नहीं किया जाए।
- होटलों, रेस्तरांओं और खुले भोजनालयों में तंदूरों में कोयले/जलाऊ लकड़ी पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करें।
- सुनिश्चित करें कि होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालय केवल बिजली/स्वच्छ ईंधन गैस आधारित उपकरणों का उपयोग करें।
- सोशल मीडिया से प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करनी होगी।
चार चरणों में बांटा गया है ग्रेप
- NCR में वायु गुणवत्ता के आधार पर "ग्रेप" को चार चरणों में बांटा गया है। पहला चरण AQI 201 से 300 यानी खराब होने पर लागू किया जाता है।
- दूसरा चरण AQI 301-400 (बहुत खराब) होने पर, तीसरा चरण एक्यूआई 401-450 (गंभीर) होने पर और चौथा चरण AQI 450 से अधिक (गंभीर से ज्यादा) होने पर लागू किया जाता है।
- पहले चरण के तहत, अधिकारी प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ दंडात्मक और कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।
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