छठ व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को दिया अर्घ्य, पटना से लेकर दिल्ली के घाटों में रौनक

 

छठ व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को दिया अर्घ्य, पटना से लेकर दिल्ली के घाटों में रौनक

गुरुवार यानी आज को छठ पर्व का सबसे अहम दिन था. आज अस्ताचलगामी सूर्य यानी डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जा रहा है. शुक्रवार (8 नवंबर) की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाएगा. इसके साथ ही छठ महापर्व का समापन हो जाएगा.

दीपावली के बाद अब देश भर में छठ पूजा को लेकर तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं. छठ पूजा का पर्व कानपुर में भी बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस त्योहार को लेकर कानपुर के घाट और नदी किनारे बड़ी संख्या में तैयारियां शुरू हो गई हैं. लोगों ने अपनी वेदियां बनाना और उनको रंगना शुरू कर दिया है. कानपुर में प्रमुख रूप से पनकी नहर और गंगा किनारे समेत कई जगह कृत्रिम तालाब बनाकर छठ पूजा का आयोजन किया जाता है. धूमधाम के साथ पूर्वांचल के लोग इसको बड़ी आस्था के साथ मनाते हैं.
पनकी नहर पर होता है सबसे बड़ा आयोजन
यूं तो कानपुर में विभिन्न घाटों के किनारे विभिन्न नदियों के किनारे और नहरों के किनारे स्थानीय लोग इस पर्व को मानते हैं. भाई कानपुर के सबसे बड़े आयोजन की बात की जाए तो इसका आयोजन पनकी नहर में होता है पूर्वांचल भोजपुरी छठ पूजा सेवा समिति द्वारा यह आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों लोग नहर किनारे पूजन करने के लिए आते हैं यहां पर छठ पर्व को लेकर तैयारियां भी की जाती हैं बड़े स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है और लोगों को कोई सुविधा न हो इसको ध्यान में रखते हुए यहां पर सारी व्यवस्थाएं की जाती हैं.
कृत्रिम तालाब भी किए गए हैं तैयार
कानपुर महानगर में छठ महोत्सव को लेकर खास तैयारी की गई है. यहां घाट और नहरों को साफ सुंदर कर लोगों के पूजा करने के लायक बनाया गया है. शहर में कई पार्कों में कृत्रिम तालाब बनाकर पूजन करने की व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि लोग आसानी से पूजा कर सकें और उन्हें किसी भी तरह के कोई दिक्कत ना हो.

लोक आस्था का महापर्व छठ हर साल कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष को मनाया जाता है. गुरुवार को छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य यानी डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. 4 दिन चलने वाले छठ पर्व की शुरुआत मंगलवार को नहाय-खाय के साथ हुई थी. बुधवार को खरना प्रसाद बना. अब शुक्रवार (8 नवंबर) की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाएगा. इसके साथ ही छठ महापर्व का समापन हो जाएगा. 


गुरुवार को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया था. छठ वर्तियों सूप, दउरा में प्रसाद रखकर कमर तक पानी में रहकर भगवान सूर्य को सांध्य अर्घ्य दिया. दिल्ली के यमुना घाट के अलावा अस्थायी घाटों पर भी छठ पूजा की व्यवस्था की गई है. बिहार की राजधानी पटना के गंगा घाट समेत बक्सर, वैशाली, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, भागलपुर में छठ व्रतियों ने सूर्य को अर्घ्य दिया है. वहीं, कई लोगों ने अपने घरों की छत और तालाबों में भी जाकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया. 

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छठ महापर्व में शामिल होने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पटना पहुंचे हैं. नड्डा नासरीगंज घाट से गंगा घाट छठ दर्शन के लिए जाएंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी छठ व्रतियों के बीच मौजूद रहे.

अर्घ्य देने का समय

7 नवंबर 2024 (संध्या अर्घ्य)- शाम 5:31 बजे तक
8 नवंबर 2024 (उषा अर्घ्य)- सुबह 6:38 बजे तक

बांसुरी स्वराज ने दिया अर्घ्य
नई दिल्ली से BJP सांसद बांसुरी स्वराज ने भी भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया.

कोलकाता में मनाया जा रहा छठ
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के दोई घाट पर छठ पूजा मनाया जा रहा है. दोई घाट पर छठ व्रतियों ने आज डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं.

बिहार में खास इंतजाम
बिहार के सबसे बड़े त्योहार छठ के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पटना जिला प्रशासन ने गंगा किनारे 100 से अधिक घाटों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं. उन्होंने बताया कि पटना के विभिन्न घाटों पर कई मेडिकल कैंप भी लगाए गए हैं. 

इन घाटों पर दे सकेंगे अर्घ्य
जिला प्रशासन के अनुसार कच्ची तालाब, गर्दनीबाग तालाब, मानिकचंद तालाब, अनीसाबाद और संजय गांधी जैविक उद्यान झील जैसे विभिन्न जलाशयों पर पूजा-अर्चना के लिए व्यवस्था की गई है. इसके अलावा ईको पार्क, एनर्जी पार्क, वीर कुंवर सिंह पार्क, शिवाजी पार्क, हार्डिंग पार्क, हनुमान नगर पार्क और एस के पुरी पार्क जैसे प्रमुख पार्क भी उत्सव के लिए तैयार किए गए हैं. इसके अलावा बंशी घाट, कृष्णा घाट, काली घाट, कदम घाट और पटना कॉलेज घाट समेत सभी घाटों पर अर्घ्य दिया जा सकता है.

दिल्ली में बनाए गए आर्टिफिशियल घाट
दिल्ली सरकार ने छठ पूजा के लिए आर्टिफिशियल घाट का निर्माण किया है. मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को छठ महापर्व को लेकर सरकार की ओर से किए गए इंतजाम की जानकारी दी थी. यमुना नदी में प्रदूषण के कारण हाईकोर्ट ने इसबार यहां छठ पर्व मनाने की परमिशन नहीं दी है. ऐसे में दिल्ली सरकार ने 1000 आर्टिफिशियल छठ घाटों का निर्माण किया है. आईटीओ हाथी घाट में छठ मनाया जा रहा है.

उत्तर प्रदेश में भी सज गए घाट
छठ का पर्व यूपी और बिहार में ज्यादा मनाया जाता है. उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में छठ घाटों पर पूजा का इंतजाम किया गया है. वाराणसी के गंगा घाट, मिर्जापुर के घाटों, लखनऊ के गोमती घाट समेत सभी घाटों पर सुरक्षा के भी इंतजाम किए गए हैं. इसके अलावा कुछ अस्थायी घाट भी बनाए गए हैं.

नोएडा में यहां बनाए गए हैं छठ घाट
-नोएडा के सेक्टर-21A नोएडा स्टेडियम 
-सेक्टर 31 में पूर्वांचल मित्र मंडल छठ पूजा समिति
-सेक्टर-71 शिव शक्ति छठ पूजा समिति
-सेक्टर-75 के सेंट्रल पार्क में श्री सूर्यदेव पूजा समिति
-सेक्टर 73 महादेव अपार्टमेंट छठ पूजा समिति
-सेक्टर 137 के बायो डायवर्सिटी पार्क
-सेक्टर 93 के श्रमिक कुंज
-कालिंदी कुंज 

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