चिता पर अग्नि देने से पहले उठ खड़ा हुआ था शख्स, अगले ही दिन तोड़ा दम, उलझा देगी मौत की यह पूरी गुत्थी
रोहिताश, रात 2 बजे के बाद जयपुर के SMS अस्पताल के लिए रैफर किया गया, लेकिन हॉस्पिटल की इमरजेंसी यूनिट में पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया.
झुंझुनूं के BDK अस्पताल में लापरवाही से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. बीडीके अस्पताल के ICU में भर्ती रोहिताश की देर रात तबीयत बिगड़ गई. रोहिताश को रात 2 बजे बाद जयपुर (Jaipur) के SMS अस्पताल के लिए रेफर किया गया, लेकिन हॉस्पिटल की इमरजेंसी यूनिट में पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया. रोहिताश के शव को पोस्टमार्टम के लिए रखवाया गया. बीते गुरुवार को उसे बेहोशी की हालात में अस्पताल में लाया गया था. यहां चिकित्सकों ने मृत घोषित करते हुए पोस्टमार्टम करके शव परिजनों को सौंपा, लेकिन अंतिम संस्कार से ठीक पहले रोहिताश वापस से जिंदा हो गया और अब फिर से उसकी मौत की खबर आई है.
अंतिम संस्कार के पहले बॉडी ने की थी हरकत
दरअसल, झुंझुनूं के बागड़ कस्बे में मां सेवा संस्थान लावारिस, दिव्यांग और मेंटली रिटायर लोगों की सेवा करने का काम करती हैं. गुरुवार सुबह यहां से बेहोशी की हालत में लावारिस रोहिताश को बीडीके अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लाया गया था, जिसको डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया था. इमरजेंसी में डॉक्टर के मृत घोषित करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में शिप्ट कर दिया गया और बॉडी को डीप फ्रिजर में रख दिया गया.
रोहिताश को मृत मानकर दो घंटे तक बॉडी को डीप फ्रिजर में रखा. उसके बाद अंतिम संस्कार के लिए बॉडी भेज दी गई. जब चिता पर अग्नि देने का समय आया तो शव वक्त हरकत करने लगा. इसके बाद वहां मौजूद लोग आनन-फानन में रोहिताश को बीडीके अस्पताल की एमरजेंसी लाए, जहां पर इलाज के लिए आईसीयू में भर्ती किया गया.
1 पीएमओ समेत 3 डॉक्टर हो चुके हैं निलंबित
इस पूरे मामले में घोर लापरवाही बरतने पर पीएमओ और दो चिकित्सा अधिकारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है. साथ ही मामले की जांच जारी है. लापरवाही के आरोप में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप कुमार पंचार, मेडिसिन विभाग में चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश कुमार जाखड़ और चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवनीत मील को निलंबित किया गया था.
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