सीसामऊ सीट का किला भेदने में नाकाम रहे बीजेपी के सुरेश अवस्थी, सपा की नसीम सोलंकी जीतीं


कानपुर की सीसामऊ सीट पर इस बार भी सोलंकी परिवार का ही

कब्ज़ा रहा. समाजवादी पार्टी की नसीम सोलंकी ने बीजेपी के प्रत्याशी, सुरेश अवस्थी को साढ़े 8 हजार वोटों से शिकस्त दी.


हाइलाइट्स
सीसामऊ सीट समाजवादी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवालसपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी का मुकाबला बीजेपी के सुरेश अवस्थी सेकम वोटिंग की वजह से इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हुआ

कानपुर. कानपुर शहर की सीसामऊ सीट पर हुए उपचुनाव में इस बार समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर हुई. हालांकि, बीजेपी के सुरेश अवस्थी सपा की गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर कमल नहीं खिला सकें. जेल में बंद पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी ने सीसामऊ सीट पर जीत दर्ज कर परिवार और पार्टी का कब्ज़ा बरकरार रखा है.

दरअसल, सीसामऊ सीट पर बीजेपी 28 साल के सूखे को खत्म कर कमल खिलाना चाहती थी. मुस्लिम बाहुल्य इस सीट पर सोलंकी परिवार की बहू की भी कड़ी परीक्षा थी. पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को आगजनी मामले में सात साल की सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता रद्द होने से सीसामऊ सीट पर उपचुनाव हुआ था. समाजवादी पार्टी ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को मैदान में उतारा.  उनका मुकाबला बीजेपी के सुरेश अवस्थी से था. नसीम सोलंकी की भावनात्मक अपील काम कर गई और कम मतदान के बावजूद उन्हें 8564 वोट से जीत मिली.

सीसामऊ सीट पर पिछले 25 साल से समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है. यह सीट दोनों ही पार्टियों के लिए कितनी अहम है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता था कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा समाजवादी पार्टी की तरफ से अखिलेश यादव, डिंपल यादव, शिवपाल यादव जैसे दिग्गजों ने भी चुनाव प्रचार किया था.

दलित वोटर निर्णायक 
वैसे तो कानपुर की सीसामऊ सीट मुस्लिम बाहुल्य है लेकिन दलित वोटर की अच्छी खासी तादाद उसे निर्याणक बना देती है. बसपा की तरफ से इस सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी वीरेंद्र शुक्ल को मैदान में उतारा था.


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