आजकल, डिजिटल दुनिया में नए-नए तरह के फ्रॉड किए जा रहे हैं. इनमें से एक है "डिजिटल अरेस्ट". ये धोखाधड़ी का एक ऐसा तरीका है जिसमें साइबर फ्रॉड आपको फोन या वीडियो कॉल करके पुलिस या अन्य सरकारी अधिकारी बनकर धमकाते हैं और आपसे पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं. हाल में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं. इसे ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 115 वें एपिसोड में देशवासियों को 'डिजिटल अरेस्ट' को लेकर सजग रहने की नसीहत दी. उन्होंने साइबर फ्रॉड से बचने के लिए 'रुको-सोचो-एक्शन लो' का मंत्र भी दिया है.
Digital Arrest क्या है ?पीएम मोदी ने 'डिजिटल अरेस्ट' के बारे में बताने से पहले इससे जुड़ा एक वीडियो दिखाया, जिसके माध्यम से उन्होंने बताया कि 'डिजिटल अरेस्ट' की घटनाएं कैसे होती हैं. उन्होंने बताया कि फ्रॉड करने वाले पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स या आरबीआई के अधिकारी बनकर लोगों को डराते हैं. इस खतरनाक खेल को समझना और समझाना बहुत जरूरी है.
Digital Arrest क्या है ?
पीएम मोदी ने 'डिजिटल अरेस्ट' के बारे में बताने से पहले इससे जुड़ा एक वीडियो दिखाया, जिसके माध्यम से उन्होंने बताया कि 'डिजिटल अरेस्ट' की घटनाएं कैसे होती हैं. उन्होंने बताया कि फ्रॉड करने वाले पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स या आरबीआई के अधिकारी बनकर लोगों को डराते हैं. इस खतरनाक खेल को समझना और समझाना बहुत जरूरी है.
डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए, इन बातों का ध्यान रखें:
- किसी भी अनजान व्यक्ति से बैंक संबंधी जानकारी न दें.
- किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर नंबर उसकी आधिकारिक वेबसाइट से लें.
- अनजान या संदिग्ध नंबर पर ज़्यादा बातचीत न करें.
- किसी अनजान के कहने पर पैसे न भेजें.
- किसी से कोई भी ओटीपी को साझा न करें.
- अनजान नंबर से कॉल करने वाले पर भरोसा बिल्कुल न करें.
- किसी के कहने पर कोई गलत एप अपने फ़ोन में न डालें.
- सभी खाते, यानी जीमेल व सोशल मीडिया, इन सभी के लिए टू वे वेरिफ़िकेशन फ़ीचर ऑन रखें.
- अगर आपको कॉल के बारे में संदेह है, तो जिस एजेंसी का वे जिक्र कर रहे हैं, उससे सीधे संपर्क करके उनकी पहचान सत्यापित करें.
- अगर आपको लगता है कि आपके साथ धोखाधड़ी हो रही है, तो स्थानीय पुलिस या साइबर अपराध प्राधिकारियों को घटना की सूचना देना कभी न भूलें.
- अगर आपको डिजिटल अरेस्ट हो गया है, तो ये कदम उठाएं: अपने फ़ोन को फ़ैक्ट्री रिसेट करें, बैंक को तुरंत सूचित करें, पासवर्ड और पिन बदल लें, खातों को डेबिट फ़्रीज़ करा.
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