डोनाल्ड ट्रंप का फरमान! सुनते ही अमेरिका से ब्रिटेन तक मची खलबली, अरब देश भी घबराए
डोनाल्ड ट्रंप ने नए कार्यकारी आदेश में फिलिस्तीन समर्थक छात्रों और मुस्लिम देशों पर कड़ी स्क्रीनिंग का निर्देश दिया है, जिससे अमेरिका और ब्रिटेन के मुसलमानों में खलबली मच गई है. ट्रंप विदेश से आए लोगों को अमेरिकी कल्चर के प्रति नफरत भरा रवैया रखने के प्रति आगाह कर रहे हैं.
- ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान विदेश से आए लोगों पर सख्त हैं.
- अमेरिका, ब्रिटेन और मुस्लिम देशों में ट्रंप के आदेश से हलचल है.
- डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ ली है.
नई दिल्ली. डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका का राष्ट्रपति बने अभी एक सप्ताह का वक्त भी नहीं हुआ है. वो एक के बाद एक ऐसे निर्णय ले रहे हैं, जिसके कारण दुनिया भर के देशों में उसकी चर्चा है. सबसे ज्यादा खलबली मुस्लिम देशों में हैं. अमेरिका से ब्रिटेन तक मुसलमान ट्रंप के फैसलों से हैरान और परेशान हैं. दरअसल, अपने पहले कार्यकाल के दौरान साल 2017 का ट्रंप का कार्यकारी आदेश अमेरिका में ‘विदेशी आतंकवादियों’ के प्रवेश से जुड़ा था, जिसमें अघोषित रूप से मुसलमानों को टार्गेट किया गया था. अब ट्रंप 2.0 के दौरान नए राष्ट्रपति का डंडा अमेरिका में आए इस समुदाय पर और भी ज्यादा कड़ा हो गया है. फिलिस्तीन समर्थक स्टूडेंट्स के खिलाफ ट्रंप सख्त रुख अख्तियार कर चुके हैं.
इंटरनेशनल रिफ्यूजी असिस्टेंस प्रोजेक्ट (IRAP) की वकील दीपा अलागेसन ने कहा कि नया आदेश ट्रम्प द्वारा 2017 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान कई मुस्लिम मेज्योरिटी देशों पर लगाए गए अघोषित ट्रैवल बैन से ज्यादा बुरा है. कहा गया कि यह न केवल अमेरिका के बाहर के लोगों के यहां एंट्री लेने पर बैन लगाने की कोशिश जैसा है बल्कि लोगों को अमेरिका से बाहर निकालने के लिए भी इन्हीं तर्कों का इस्तेमाल कर रहा है. ट्रंप के आदेश के बाद अरब देशों में भी खलबली मची हुई है. उन्हें इस्लामोफोबिया बढ़ने का डर सता रहा है.
ट्रंप ने बाइडेन काल में आए लोगों को भी नहीं बख्शा
ट्रंप का नया आदेश अमेरिकी एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारियों को उन देशों की सूची तैयार करने का निर्देश देता है जिन्हें यहां एंट्री से पहले कड़ी स्क्रीनिंग से गुजरना होगा. इस आदेश में जो बाइडेन के कार्यकाल के दौरान 2020 के बाद इन देशों से अमेरिका में आए लोगों को भी शामिल किया गया है. प्रशासन को इन लोगों की जानकारी जुटाने का आदेश दिया गया है.
‘अमेरिकी कल्चर का करें सम्मान’
डोनाल्ड ट्रंप ने कार्यकारी आदेश में यह भी कहा गया है कि अमेरिकी एडमिनिस्ट्रेशन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विदेशी नागरिक अमेरिका में रहने के दौरान अमेरिकी नागरिकों, यहां की संस्कृति या सरकार के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया न रखें. इसमें अमेरिका के उन नागरिकों को भी शामिल किया गया है जो हाल ही में इन देश से आकर बसे हैं. साथ ही कहा गया कि ये लोग घोषित विदेशी आतंकवादियों की वकालत और उसकी सहायता या समर्थन न करें.
‘ये खतरनाक आदमी है’
उधर, ब्रिटेन के पीएम तक ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन आने के बाद से सकते में हैं. ट्रंप के मंत्री एलन मस्क ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. ब्रिटिश पाकिस्तानी टैक्सी ड्राइवर अजमत खान ने अलजजीरा से बातचीत केि दौरान कहा कि जब मैं लंदन की सड़कों पर रात में टैक्सी चलाता हूं तो मेरी चिंता बढ़ती जाती है. “हमने यहां दूर-दराज लोगों को भड़काने वाली गलत सूचनाओं के साथ अशांति की गर्मी को महसूस किया है. इसकी वजह एलन मस्क हैं. मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश यौन शोषण के दोषियों के बारे में गुस्सा फैलाने के लिए कर रहे हैं. यह आदमी बेहद खतरनाक है. मैं चिंतित हूं. मैंने मुसलमानों को पहले भी इस तरह के बलि का बकरा बनते देखा है.
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