दिल्ली में आए भूकंप के साथ उस आवाज का क्या है रहस्य? जानिए क्या बता रहे हैं विशेषज्ञ

दिल्ली में आए भूकंप के साथ उस आवाज का क्या है रहस्य? जानिए क्या बता रहे हैं विशेषज्ञ

दिल्ली में आए भूकंप के साथ उस आवाज का क्या है रहस्य? जानिए क्या बता रहे हैं विशेषज्ञ

धौलाकुआं की झील में था केंद्र! पेड़ भी गिरे.

जानें 4 तीव्रता के छोटे भूकंप से भी इतनी तेज क्यों हिली दिल्ली.

Delhi Earthquake Today: दिल्ली और उसके आसपास के शहरों के लोगों की नींद आज सुबह भूकंप के तेज झटके से खुली. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप सुबह पांच बजकर 36 मिनट पर आया. इसकी तिव्रता रिक्टर स्केल पर 4 थी. कुछ लोगों ने भूकंप के साथ एक आवाज भी सुनी.








नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में सोमवार तड़के तेज भूकंप का झटका महसूस किया गया. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.0 थी. इसका केंद्र धौलाकुंआ के पास जमीन के अंदर पांच किमी था. इस वजह से इस भूकम्प को दिल्ली और आसपास के शहरों के लोगों ने महसूस किया. दिल्ली में कई लोगों ने बताया कि उन्होंने भूकंप के साथ तेज आवाज भी सुनी. इस भूकंप के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से शांत बने रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि अधिकारी हालात पर नजर बनाए हुए हैं.

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 4.0 दर्ज की गई है. भूकंप का केंद्र दिल्ली के धौलाकुआं के पास स्थित एक झील पार्क है. इसी झील से भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसके बाद यहां मौजूद कई पेड़ भी उखड़ कर गिर गए. इस बारे में नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी के डॉक्टर ओपी मिश्रा ने बताया कि 2007 में भी इसी झील से 4.7 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इससे किसी को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह सीस्मिक जोन है.

कहां था दिल्ली में आए भूकंप का केंद्र

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र धौला कुआं के झील पार्क क्षेत्र में पांच किलोमीटर की गहराई पर था. वहां कुछ लोगों को भूकंप के बाद तेज आवाजें सुनाई देने की खबर है.केंद्र का कहना है कि भूकंप सुबह पांच बजकर 36 मिनट पर आया. भूकंप के कारण किसी तरह के नुकसान या किसी के हताहत होने की तत्काल कोई खबर नहीं है. हालांकि धौला कुआं इलाके में कुछ पेड़ों के उखड़ जाने का समाचार है. 

2007 में भी ये झील रहा था भूकंप का एपिसेंटर 

डॉक्टर ओपी मिश्रा ने कहा, "यहां पर छोटे-छोटे भूकंप आते रहे हैं और इसलिए कभी किसी ने इसे नोटिस नहीं किया है. यह भूकंप 4.0 तीव्रता का था और 2007 में यहां पर 4.7 तीव्रता का भूकंप आया था. यहां 1990 से इस तरह के भूकंप आते रहे हैं. यह प्लेट कोलाइजन की वजह से नहीं हुआ है. यह भूकंप कमजोर हाइड्रोजेनिक मेटीरियल की वजह से हुआ है. उदाहरण के तौर पर पानी या फिर फ्लूइड क्रूड करता है तो इससे पत्थर टूट जाता है और भूकंप आता है". 

Earthquake in Delhi-NCR: दिल्ली में सोमवार को आए भूकंप की वजह से गिरा पेड़ा. इस भूकंप का केंद्र धौला कुआं था.

भूकंप के दौरान कहां से पैदा हुई आवाज

भूकंप के दौरान हुई तेज आवाज दिल्ली में भूकंप के दौरान तेज गड़गड़ाहट की आवाज भी सुनी गई.लेकिन विशेषज्ञ इस तरह के आवाज को लेकर बहुत सहमत नहीं हैं. इस तरह के आवाज को लेकर एनडीटीवी ने भूकंप विशेषज्ञ डॉक्टर भावेश पांडेय से बात की. डॉक्टर पांडेय रेसिलिनफ्रास टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं. उन्होंने बताया कि इस भूकंप का केंद्र जमीन में पांच किमी नीचे थे. ऐसा संभव नहीं है कि पांच किमी नीचे हुई घटना की आवाज धरती पर सुनाई दे. उन्होंने कहा कि यह हो सकता है कि भूकंप की वजह से कोई सामान गिरा हो या इंसान घड़बड़ाहट में ऐसी आवाज सुनने का भ्रम हुआ है. उन्होंने कहा कि यह भी हो सकता है कि भूकंप की वजह से मल्टीस्टोरी बिल्डिंगें झूले की तरह झूली हों, ऐसे में हो सकता है कि लोगों ने उसे महसूस किया हो. 

भूकंप के बाद हमेशा आता है आफ्टर शॉक

उन्होंने कहा, "भूकंप का केंद्र सिर्फ चार किलोमीटर नीचे था और इस वजह से दिल्ली एनसीआर के लोगों को तेज झटके महसूस हुए. इसके साथ ही भूकंप को हील करने के लिए आफ्टर शॉक भी होता है. आफ्टर शॉक हमेशा 1.2 या 1.5 तीव्रता का होता है और इस वजह से ये लोगों को महसूस नहीं हो पाता है." 




दिल्ली,भूकंप

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