March 2025

                                  

आज का पंचांग,दिन,शनिवार,दिनांक 08/03/2025


                   *|| 🕉️ ||*

                 🌞सुप्रभातम🌞

               * आज का पंचांग*

     दिन-शनिवार, दिनांक  08/03/2025


*नवमी, शुक्ल पक्ष,*

*फाल्गुन*

(समाप्ति काल) 


तिथि----------- नवमी 08:15:54    तक 

पक्ष------------------------ शुक्ल

नक्षत्र----------- आर्द्रा 23:27:31

योग---------आयुष्मान 16:23:07

करण---------- कौलव 08:15:54

करण----------- तैतुल 19:56:23

वार----------------------- शनिवार

माह---------------------- फाल्गुन

चन्द्र राशि----------------    मिथुन

सूर्य राशि-----------------    कुम्भ

रितु------------------------ वसंत

आयन------------------ उत्तरायण

संवत्सर-------------------- क्रोधी

संवत्सर (उत्तर) ------------कालयुक्त

विक्रम संवत-------------- 2081 

गुजराती संवत------------ 2081 

शक संवत---------------- 1946 

कलि संवत---------------- 5125

सूर्योदय-------------- 06:37:33

सूर्यास्त--------------- 18:22:37

दिन काल------------ 11:45:04

रात्री काल------------ 12:13:51

चंद्रोदय-------------- 12:46:16

चंद्रास्त---------------- 27:28:32

लग्न---- कुम्भ 23°30' , 323°30'

सूर्य नक्षत्र---------- पूर्वा भाद्रपदा

चन्द्र नक्षत्र------------------ आर्द्रा 

नक्षत्र पाया------------------ रजत 


*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*


घ---- आर्द्रा 11:25:27


ङ---- आर्द्रा 17:25:32


छ---- आर्द्रा 23:27:31


के---- पुनर्वसु 29:31:22


*💮🚩💮  ग्रह गोचर  💮🚩💮*


        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

==========================

सूर्य=  कुम्भ 23°40,     पू oभाo   2       सो 

चन्द्र= मिथुन 10°30 ,      आर्द्रा    2       घ

बुध =मीन 11°52 '       उ o भा o 3       झ 

शु क्र= मीन 15°05, उ o फाo'       4       ञ 

मंगल=मिथुन 23°30 ' पुनर्वसु '      2       को 

गुरु=वृषभ  18°30  रोहिणी,         3        वी 

शनि=कुम्भ 27°28 '  पू o भा o  , 3        दा 

राहू=(व) मीन 03°50 उo भा o,     1        दू 

केतु= (व)कन्या 03°50   उ oफा o 3       पा 


*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*


राहू काल 09:34 - 11:02 अशुभ

यम घंटा 13:58 - 15:26 अशुभ

गुली काल 06:38 - 08: 06अशुभ 

अभिजित 12:07 - 12:54 शुभ

दूर मुहूर्त 08:12 - 08:59 अशुभ

वर्ज्यम 07:50 - 09:26 अशुभ

प्रदोष 18:23 - 20:52        शुभ


💮चोघडिया, दिन

काल 06:38 - 08:06 अशुभ

शुभ 08:06 - 09:34 शुभ

रोग 09:34 - 11:02 अशुभ

उद्वेग 11:02 - 12:30 अशुभ

चर 12:30 - 13:58 शुभ

लाभ 13:58 - 15:26 शुभ

अमृत 15:26 - 16:54 शुभ

काल 16:54 - 18:23 अशुभ


🚩चोघडिया, रात

लाभ 18:23 - 19:54 शुभ

उद्वेग 19:54 - 21:26 अशुभ

शुभ 21:26 - 22:58 शुभ

अमृत 22:58 - 24:30* शुभ

चर 24:30* - 26:01* शुभ

रोग 26:01* - 27:33* अशुभ

काल 27:33* - 29:05* अशुभ

लाभ 29:05* - 30:36* शुभ


💮होरा, दिन

शनि 06:38 - 07:36

बृहस्पति 07:36 - 08:35

मंगल 08:35 - 09:34

सूर्य 09:34 - 10:33

शुक्र 10:33 - 11:31

बुध 11:31 - 12:30

चन्द्र 12:30 - 13:29

शनि 13:29 - 14:28

बृहस्पति 14:28 - 15:26

मंगल 15:26 - 16:25

सूर्य 16:25 - 17:24

शुक्र 17:24 - 18:23


🚩होरा, रात

बुध 18:23 - 19:24

चन्द्र 19:24 - 20:25

शनि 20:25 - 21:26

बृहस्पति 21:26 - 22:27

मंगल 22:27 - 23:28

सूर्य 23:28 - 24:30

शुक्र 24:30* - 25:31

बुध 25:31* - 26:32

चन्द्र 26:32* - 27:33

शनि 27:33* - 28:34

बृहस्पति 28:34* - 29:35

मंगल 29:35* - 30:36


*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩* 

       

कुम्भ   > 04:20  से  05:58    तक

मीन    > 05:58  से  07:26     तक

मेष     > 07:26  से  09:04     तक

वृषभ   > 09:04 से  11:02     तक

मिथुन  > 11:02  से 13:20     तक

कर्क    > 13:20  से 15:36     तक

सिंह    > 15:36  से  17:46    तक

कन्या  > 17:46  से   20:00   तक

तुला   >  20:00  से  22:14    तक

वृश्चिक > 22:14 से  00:34    तक

धनु     > 00:34  से  02:28    तक

मकर   > 02:28 से  04:14     तक


*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*


       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा   +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट


*नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।


*💮दिशा शूल ज्ञान-------------पूर्व*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*


*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*


  9 + 7 + 1 = 17 ÷ 4 = 1 शेष

 पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l


*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*


सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है


शुक्र ग्रह मुखहुति


*💮    शिव वास एवं फल -:*


  9 + 9 + 5 = 23 ÷ 7 =  2 शेष


गौरी सन्निधौ = शुभ कारक


*🚩भद्रा वास एवं फल -:*


*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

 

*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*


 *लट्ठमार होली (बरसाना)*


*राष्ट्रीय महिला दिवस 


*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*


इन्द्रियाणि च संयम्य वकवत् पण्डितो नरः ।

देशकालबलं ज्ञात्वा सर्वकार्याणि साधयेत् ।।

।। चा o नी o।।


 बुद्धिमान व्यक्ति अपने इन्द्रियों को बगुले की तरह वश में करते हुए अपने लक्ष्य को जगह, समय और योग्यता का पूरा ध्यान रखते हुए पूर्ण करे.


*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*


गीता -: पुरुषोत्तमयोग :- अo-15


ततः पदं तत्परिमार्गितव्यं

 यस्मिन्गता न निवर्तन्ति भूयः ।,

तमेव चाद्यं पुरुषं प्रपद्ये

 यतः प्रवृत्तिः प्रसृता पुराणी ॥,


उसके पश्चात उस परम-पदरूप परमेश्वर को भलीभाँति खोजना चाहिए, जिसमें गए हुए पुरुष फिर लौटकर संसार में नहीं आते और जिस परमेश्वर से इस पुरातन संसार वृक्ष की प्रवृत्ति विस्तार को प्राप्त हुई है, उसी आदिपुरुष नारायण के मैं शरण हूँ- इस प्रकार दृढ़ निश्चय करके उस परमेश्वर का मनन और निदिध्यासन करना चाहिए॥,4॥,


*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*


देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।


🐏मेष

लाभ के अवसर हाथ आएंगे। बाहरी सहायता से कार्यों में गति आएगी। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी में चैन रहेगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। शारीरिक कष्ट की आशंका है, अत: लापरवाही से बचें। प्रसन्नता बनी रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी।


🐂वृष

चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि की आशंका है। विवाद को बढ़ावा न दें। अतिउत्साह हानिप्रद रहेगा। कुसंगति से बचें। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। किसी उलझन में फंस सकते हैं। विवेक से निर्णय लें। सार्वजनिक स्थान पर लोगों का ध्यान नहीं खींच पाएंगे। धैर्य रखें।


👫मिथुन

संबंधियों तथा मित्रों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से मनोनुकूल लाभ होगा। स्वास्थ्य कमजोर होगा। किसी बाहरी व्यक्ति पर भरोसा न करें।


🦀कर्क

दु:खद समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। मानसिक बेचैनी रहेगी। प्रियजनों के साथ रिश्तों में खटास आ सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अपरिचितों पर अंधविश्वास न करें। कारोबार ठीक चलेगा। आय होगी। धैर्य रखें।


🐅सिंह

स्थायी संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा, साक्षात्कार व करियर संबंधी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। जोखिम न उठाएं। थकान महसूस होगी।


🙍‍♀️कन्या

शैक्षणिक व शोध इत्यादि कार्यों के परिणाम सुखद रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आयोजन हो सकता है। नौकरी कार्य में उत्साह व प्रसन्नता से सफलता प्राप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेशादि लाभदायक रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा। जल्दबाजी न करें।


⚖️तुला

यात्रा लाभदायक रहेगी। काफी समय से रुका हुआ धन प्राप्ति के आसार हैं। भरपूर प्रयास करें। आय में वृद्धि होगी। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। जल्दबाजी न करें।


🦂वृश्चिक

राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। धार्मिक कृत्यों में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। आय में वृद्धि होगी। व्यस्तता रहेगी। थकान महसूस होगी। किसी लंबे प्रवास की योजना बनेगी। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा।


🏹धनु

बेरोजगारी दूर होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। प्रतिद्वंद्वी पस्त होंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कोई रुका हुआ कार्य पूर्ण होने के योग हैं।


🐊मकर

घर में अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। लंबे प्रवास की योजना बनेगी। बड़ा काम करने का मन बनेगा। कारोबार में अनुकूलता रहेगी। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से बचें।


🍯कुंभ

नई योजना बनेगी। पुराने किए गए निर्णयों का लाभ अब प्राप्त होगा। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी। नए कार्यकारी अनुबंध हो सकते हैं। नौकरी में चैन रहेगा। घर में तनाव रह सकता है। चिंता में वृद्धि होगी।


🐟मीन

किसी अपने ही व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। फालतू खर्च होगा। असमंजस रहेगा। निर्णय लेने की क्षमता कम होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। अशुभ समय।


*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*





🇮🇳🇮🇳

You Tube: 
1. Youtube:  ग्रह वाणी   
https://youtu.be/RwbixOslOhI

2. Youtube:  B I News
https://youtu.be/VwwU7GSmc8o?si=Y4y_DG_etYEolPQ0


PLEASE:-
भारत माता की जय



होलिका दहन पर 12 घंटे 51 मिनट तक भद्रा, तब तक नहीं होंगे शुभ काम, देखें होली पूजा मुहूर्त

होलिका दहन पर 12 घंटे 51 मिनट तक भद्रा, तब तक नहीं होंगे शुभ काम, देखें होली पूजा मुहूर्त

फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में भद्रा रहित मुहूर्त में होलिका दहन करते हैं. इस साल होलिका दहन पर 12 घंटे 51 मिनट तक भद्रा रहेगी. आचार्य श्री दिनेश नारायण पाण्डेय से जानते हैं कि होलिका दहन पर भद्रा कब से कब तक है? होली पूजा का मुहूर्त क्या है? भद्रा कौन हैं? क्यों भद्रा में शुभ कार्य नहीं करते हैं?

  • इस साल होलिका दहन 13 मार्च गुरुवार को है.
  • होलिका दहन पर भद्रा सुबह से रात तक है.
  • होलिका दहन मुहूर्त या होली पूजा मुहूर्त 1 घंटा 4 मिनट का है.
होलिका दहन पर 12 घंटे 51 मिनट तक भद्रा, तब तक नहीं होंगे शुभ काम, देखें होली पूजा मुहूर्त

इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया है. फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में भद्रा रहित मुहूर्त में होलिका दहन करते हैं. उस समय होली की पूजा होती है. इस साल होलिका दहन पर 12 घंटे 51 मिनट तक भद्रा रहेगी. इस वजह से कोई शुभ काम उस समय तक नहीं होंगे. वैसे भी उस वक्त होलाष्टक रहेगा, जो अशुभ माना जाता है. आचार्य श्री दिनेश नारायण पाण्डेय से जानते हैं कि होलिका दहन पर भद्रा कब से कब तक है? होली पूजा का मुहूर्त क्या है? भद्रा कौन हैं? क्यों भद्रा में शुभ कार्य नहीं करते हैं?

होलिका दहन पर भद्रा कब तक है 2025

पंचांग के अनुसार, इस साल होलिका दहन 13 मार्च गुरुवार को है. होलिका दहन के लिए जरूरी फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरू हो रही है. यह तिथि 14 मार्च शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगी. होलिका दहन पर भद्रा 12 घंटे 51 मिनट तक की है. भद्रा सुबह में 10 बजकर 35 मिनट से लेकर रात 11 बजकर 26 मिनट तक है.

                                

आज का पंचांग दिन शुक्रवार,दिनांक:- 07/03/2025

                         || 🕉️ ||

                     🌞सुप्रभातम🌞 

           📜«««आज का पञ्चांग»»»📜

          दिनांक:- 07/03/2025, शुक्रवार*



अष्टमी, शुक्ल पक्ष, 

फाल्गुन

(समाप्ति काल)


तिथि----------- अष्टमी 09:18:06     तक 

पक्ष------------------------ शुक्ल

नक्षत्र--------- मृगशिरा 23:30:59

योग-------------- प्रीति 18:13:24

करण------------- बव 09:18:06

करण---------- बालव 20:43:09

वार---------------------- शुक्रवार

माह----------------------फाल्गुन

चन्द्र राशि-----    वृषभ 11:44:05

चन्द्र राशि---------------    मिथुन

सूर्य राशि-----------------    कुम्भ

रितु------------------------ वसंत

आयन------------------ उत्तरायण

संवत्सर-------------------- क्रोधी

संवत्सर (उत्तर) ------------कालयुक्त

विक्रम संवत-------------- 2081 

गुजराती संवत------------ 2081 

कलि संवत--------------- 5125

सूर्योदय-------------- 06:38:36

सूर्यास्त----------------18:22:02

दिन काल----------- 11:43:25

रात्री काल------------ 12:15:30

चंद्रोदय-------------- 11:45:58

चंद्रास्त---------------- 26:34:01

लग्न----  कुम्भ 22°30' , 322°30'

सूर्य नक्षत्र---------- पूर्वा भाद्रपदा

चन्द्र नक्षत्र---------------- मृगशिरा 

नक्षत्र पाया------------------ लोहा 


*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*


वो---- मृगशिरा 11:44:05


का---- मृगशिरा 17:36:35


की---- मृगशिरा 23:30:59


कु---- आर्द्रा 29:27:16


*💮🚩💮  ग्रह गोचर  💮🚩💮*


        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

==========================

सूर्य=  कुम्भ 22°40,     पू oभाo   1       से 

चन्द्र= वृषभ 27°30 ,     मृगशिरा    2       वो 

बुध =मीन 10°52 '       उ o भा o 3       झ 

शु क्र= मीन 16°05, उ o फाo'       4       ञ 

मंगल=मिथुन 23°30 ' पुनर्वसु '      2       को 

गुरु=वृषभ  18°30  रोहिणी,         3        वी 

शनि=कुम्भ 27°28 '  पू o भा o  , 3        दा 

राहू=(व) मीन 03°56 उo भा o,     1        दू 

केतु= (व)कन्या 03°56   उ oफा o 3       पा 


*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*


राहू काल 11:02 - 12:30 अशुभ

यम घंटा 15:26 - 16:54 अशुभ

गुली काल 08:07 - 09: 34अशुभ 

अभिजित 12:07 - 12:54 शुभ

दूर मुहूर्त 08:59 - 09:46 अशुभ

दूर मुहूर्त 12:54 - 13:41 अशुभ

प्रदोष 18:22 - 20:51      शुभ


💮चोघडिया, दिन

चर 06:39 - 08:07 शुभ

लाभ 08:07 - 09:34 शुभ

अमृत 09:34 - 11:02 शुभ

काल 11:02 - 12:30 अशुभ

शुभ 12:30 - 13:58 शुभ

रोग 13:58 - 15:26 अशुभ

उद्वेग 15:26 - 16:54 अशुभ

चर 16:54 - 18:22 शुभ


🚩चोघडिया, रात

रोग 18:22 - 19:54 अशुभ

काल 19:54 - 21:26 अशुभ

लाभ 21:26 - 22:58 शुभ

उद्वेग 22:58 - 24:30* अशुभ

शुभ 24:30* - 26:02* शुभ

अमृत 26:02* - 27:34* शुभ

चर 27:34* - 29:06* शुभ

रोग 29:06* - 30:38* अशुभ


💮होरा, दिन

शुक्र 06:39 - 07:37

बुध 07:37 - 08:36

चन्द्र 08:36 - 09:34

शनि 09:34 - 10:33

बृहस्पति 10:33 - 11:32

मंगल 11:32 - 12:30

सूर्य 12:30 - 13:29

शुक्र 13:29 - 14:28

बुध 14:28 - 15:26

चन्द्र 15:26 - 16:25

शनि 16:25 - 17:23

बृहस्पति 17:23 - 18:22


🚩होरा, रात

मंगल 18:22 - 19:23

सूर्य 19:23 - 20:25

शुक्र 20:25 - 21:26

बुध 21:26 - 22:27

चन्द्र 22:27 - 23:29

शनि 23:29 - 24:30

बृहस्पति 24:30* - 25:31

मंगल 25:31* - 26:32

सूर्य 26:32* - 27:34

शुक्र 27:34* - 28:35

बुध 28:35* - 29:36

चन्द्र 29:36* - 30:38


*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩* 

       

कुम्भ   > 04:24  से  06:02    तक

मीन    > 06:02  से  07:30     तक

मेष     > 07:30  से  09:08     तक

वृषभ   > 09:08 से  11:06     तक

मिथुन  > 11:06  से 13:24     तक

कर्क    > 13:24  से 15:40     तक

सिंह    > 15:40  से  17:50    तक

कन्या  > 17:50  से   20:04   तक

तुला   >  20:04  से  22:18    तक

वृश्चिक > 22:18 से  00:38    तक

धनु     > 00:38  से  02:32    तक

मकर   > 02:32 से  04:18     तक


*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*


       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा   +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट


*नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।


*💮दिशा शूल ज्ञान-------------पश्चिम*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो  घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*


*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*


  8 + 6 + 1 =15  ÷ 4 = 3 शेष

 मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l


*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*


सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है


शुक्र ग्रह मुखहुति


*💮    शिव वास एवं फल -:*


   8 + 8 + 5 = 21 ÷ 7 =  0 शेष


शमशान वास = मृत्यु कारक


*🚩भद्रा वास एवं फल -:*


*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*


*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*


 *होलाष्टक प्रारम्भ 


*लड्डू की होली (श्रीजी मन्दिर) बरसाना 


*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*


प्रभूतं कार्यमपि वा तन्नरः कर्तुमिच्छति ।

सर्वारम्भेण तत्कार्यं सिंहादेकं प्रचक्षते ।।

।। चा o नी o।।


शेर से यह बढ़िया बात सीखे की आप जो भी करना चाहते हो एकदिली से और जबरदस्त प्रयास से


*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*


गीता -: पुरुषोत्तमयोग :- अo-15

न रूपमस्येह तथोपलभ्यते नान्तो

 न चादिर्न च सम्प्रतिष्ठा ।,

अश्वत्थमेनं सुविरूढमूल

 मसङ्‍गशस्त्रेण दृढेन छित्त्वा ॥,


इस संसार वृक्ष का स्वरूप जैसा कहा है वैसा यहाँ विचार काल में नहीं पाया जाता (इस संसार का जैसा स्वरूप शास्त्रों में वर्णन किया गया है और जैसा देखा-सुना जाता है, वैसा तत्त्व ज्ञान होने के पश्चात नहीं पाया जाता, जिस प्रकार आँख खुलने के पश्चात स्वप्न का संसार नहीं पाया जाता) क्योंकि न तो इसका आदि है (इसका आदि नहीं है, यह कहने का प्रयोजन यह है कि इसकी परम्परा कब से चली आ रही है, इसका कोई पता नहीं है) और न अन्त है (इसका अन्त नहीं है, यह कहने का प्रयोजन यह है कि इसकी परम्परा कब तक चलती रहेगी, इसका कोई पता नहीं है) तथा न इसकी अच्छी प्रकार से स्थिति ही है (इसकी अच्छी प्रकार स्थिति भी नहीं है, यह कहने का प्रयोजन यह है कि वास्तव में यह क्षणभंगुर और नाशवान है) इसलिए इस अहंता, ममता और वासनारूप अति दृढ़ मूलों वाले संसार रूप पीपल के वृक्ष को दृढ़ वैराग्य रूप (ब्रह्मलोक तक के भोग क्षणिक और नाशवान हैं, ऐसा समझकर, इस संसार के समस्त विषयभोगों में सत्ता, सुख, प्रीति और रमणीयता का न भासना ही 'दृढ़ वैराग्यरूप शस्त्र' है) शस्त्र द्वारा काटकर (स्थावर, जंगमरूप यावन्मात्र संसार के चिन्तन का तथा अनादिकाल से अज्ञान द्वारा दृढ़ हुई अहंता, ममता और वासना रूप मूलों का त्याग करना ही संसार वृक्ष का अवान्तर 'मूलों के सहित काटना' है।,)॥,3॥,






*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*


देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।


🐂मेष

धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कुबुद्धि हावी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। मित्रों से संबंध सुधरेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है।


🐏वृष

व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। लाभ के अवसर हाथ से निकलेंगे। बेवजह कहासुनी हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यापार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। धैर्य रखें। शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। दु:खद समाचार मिल सकता है।


👫मिथुन

घर के सदस्यों के स्वास्थ्य व अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। दुष्टजनों से दूरी बनाए रखें। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी सहयोग करेंगे।


🦀कर्क

शत्रु पस्त होंगे। सुख के साधन जुटेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। लंब समय से रुके कार्य सहज रूप से पूर्ण होंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। शेयर मार्केट में सफलता मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शुभ समय।


🐅सिंह

किसी अपने के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। शारीरिक कष्ट संभव है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शत्रु पस्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल होंगे। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी।


🙍‍♀️कन्या

प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। बेवजह कहासुनी हो सकती है। कानूनी अड़चन दूर होगी। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मियों का साथ मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।


⚖️तुला

पुराना रोग परेशानी का कारण रह सकता है। दूसरों के कार्य में दखल न दें। बड़ों की सलाह मानें। लाभ होगा। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। मानसिक बेचैनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। धैर्य रखें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें।


🦂वृश्चिक

स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। किसी अप‍रिचित पर अतिविश्वास न करें। विवाद से क्लेश होगा। दूसरों के उकसाने में न आएं। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। कोई बड़ी समस्या आ सकती है। धैर्य रखें। शारीरिक कष्ट संभव है तथा तनाव रहेंगे।


🏹धनु

घर में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। अज्ञात भय रहेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा।


🐊मकर

सुख के साधन प्राप्त होंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। आय में निश्चितता रहेगी।


🍯कुंभ

आराम तथा मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे। यश बढ़ेगा। व्यापार वृद्धि होगी। नई योजना बनेगी जिसका तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। प्रमाद न करें। चोट व रोग से परेशानी संभव है।


🐟मीन

आंखों का ख्याल रखें। अज्ञात भय सताएगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। कानूनी अड़चन आ सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। लॉटरी व सट्टे से दूर रहें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में प्रमोशन प्राप्त हो सकता है। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।


*🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏*




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खाटूश्याम जी मंदिर पर कैसे शुरू हुई निशान चढ़ाने की परंपरा? झूंझुनू के सूरजगढ़ से है खास कनेक्शन

खाटूश्याम जी मंदिर पर कैसे शुरू हुई निशान चढ़ाने की परंपरा? झूंझुनू के सूरजगढ़ से है खास कनेक्शन

Khatu Shyam Nishan Yatra 2025: यह निशान फागुन शुक्ल छठ व सप्तमी के दिन सूरजगढ़ से रवाना होता है और द्वादशी के दिन खाटूश्याम के मंदिर के शिखर पर चढ़ाया जाता है. इसके अलावा किसी भी ध्वज को खाटूश्याम मंदिर के शीर्ष पर जगह नहीं मिलती है.





राजस्थान में फाल्गुन माह में खाटू श्याम का लक्खी मेला परवान पर है. देश-विदेश से श्रद्धालु खाटू श्याम निशान लेकर बाबा को अर्पित कर रहे हैं. आज हम आपको बताने जा रहे उस निशाना की कहानी जो खाटूधाम के मंदिर के शिखर बंद पर 12 महीने लहरता है. वो निशान जिसका डंका बाबा के खाटूधाम की तरह पूरे विश्व में बजता है. इसके साथ ही हम आपको ऐसे बाबा श्याम के भक्त के बारे में भी बताएंगे जिसने पूरे विश्व में सूरजगढ़ के निशान को ख्याति दिलवाई. इतना ही नहीं, अंग्रेजी हुकूमत के भी छक्के छुड़ा दिए. देखिये ये रिपोर्ट...

खाटू श्याम मंदिर के शिखर पर चढ़ने वाला सूरजगढ़ का निशान हजारों पदयात्रियों के साथ खाटू के लिए रवाना हो गया है. निशान के साथ देश-विदेश के श्रद्धालु भी शामिल हुए हैं. खाटू से सूरजगढ़ का खास रिश्ता है. बात चाहे मुगलों के समय की हो या फिर अंग्रेजों के समय की, जब-जब भी मंदिर पर हमले की बात हो या फिर खाटू में दर्शनों पर में रूकावट की कोशिश की गई हो, सूरजगढ़ के श्याम भक्तों ने सबका मुकाबला किया और दर्शनों को रूकने नहीं दिया. 

पिछले कई वर्षों से लगातार खाटू श्याम जाने वाले और लगातार निशान उठाने वाले किदवई नगर के रहने वाले प्रखर मिश्रा उर्फ टोनी बताते है कि वो और उनकी पूरी भक्तों की टीम पिछले कई वर्षों से खाटू नरेश के दर्शन के लिए जाते हैं और जैसा कि वो बताते हैं कि खाटू श्याम जी सच में हारे का सहारा हैं जब से वो और उनके मित्र श्री खाटू नरेश भगवान जी के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं उनके प्रयासों में लगातार चार चॉद लग रहे है और वहॉ जाने का वो पूरा श्रेय भी खाटू नरेश जी को ही देते है और अगली बार कब जा रहे है पूॅछने पर बोले कि जब तक श्री खाटू नरेश जी बुलाते रहेंगे तब तक जाते रहेंगे।

कैसे शुरू हुई निशान चढ़ाने की परंपरा?

श्याम भगत मोहन लाल इंदौरिया की मानें तो अंग्रेजों के जमाने में बाबा श्याम के दरबार में आस्था के सैलाब को देखकर अंग्रेजी हुकूमत ने खाटू मंदिर में ताला लगा दिया था. तब एक भक्त मंगलाराम निशान लेकर खाटू पहुंचे. अपने गुरु गोर्धनदास का आदेश पाकर उसने बाबा श्याम का नाम लेकर मोर पंख ताले पर मारा तो ताला खुल गया. यह चमत्कार देख अंग्रेजी हुकूमत ने पैर पीछे कर लिए. दरअसल, अंग्रेज बाबा के दर्शन में रूकावट पैदा करवाना चाह रहे थे. लेकिन सूरजगढ़ के श्याम भक्त मंगलाराम ने ऐसा नहीं होने दिया और बाबा की शक्ति से अंग्रेजों के छक्के छुड़वा दिए. माना जाता हैं की सूरजगढ़ निशान में खुद बाबा श्याम चलते हैं. मंदिर कमेटी ने सूरजगढ़ के निशान को बाबा के मुख्य शिखर पर चढ़ाने का निर्णय लिया जो परंपरा आज भी निभाई जा रही है.

सूरजगढ़ के निशान को खाटू के श्याम दरबार में मुख्य शिखर पर चढ़ाया जाता है. यही एकमात्र निशान है जो पूरे वर्ष बाबा के मुख्य शिखर पर लहराता है.

सिर पर सिगड़ी रखकर 152 KM चलती हैं महिलाएं

सूरजगढ़ के इस प्राचीन निशान की मान्यता है कि इस निशान के आगे-आगे महिलाएं अपनी मन्नत साथ लेकर सिर पर सिगड़ी रख चलती हैं. महिलाओं का कहना है कि जो भी बाबा श्याम से मांगतीं हैं, वो उन्हें मिलता है. महिलाएं निशान यात्रा में 152 किलोमीटर तक नाचते-गाते चलती हैं. सिगड़ी बाबा के दरबार में अर्पित की जाती है. पूरे देश में सिर्फ सूरजगढ़ का ही ऐसा निशान होता है, जहां पर महिलाएं अपनी मन्नत पूरी होने पर बाबा श्याम को सिगड़ी अर्पित करती हैं और पूरे रास्ते सिर पर सिगड़ी रखकर पदयात्रा पूरी करती हैं. ये महिलाएं पूरे रास्ते बाबा के भजनों पर नाचते-गाते श्रद्धाभाव के साथ पहुंचती हैं.

निशान यात्रा में शामिल होते हैं देश-विदेश के श्रद्धालु

ऐसे कई चमत्कार और इतिहास सूरजगढ़ के निशान के साथ जुड़े हुए हैं. यही कारण है कि इस निशान में शामिल होने के लिए ना केवल देश, बल्कि देश के बाहर से भी श्यामभक्त सूरजगढ़ पहुंचते हैं. यह निशान फागुन शुक्ल छठ व सप्तमी के दिन सूरजगढ़ से रवाना होता है और द्वादशी के दिन खाटूश्याम के मंदिर के शिखर पर चढ़ाया जाता है. इसके अलावा किसी भी ध्वज को खाटूश्याम मंदिर के शीर्ष पर जगह नहीं मिलती है.

                               

आज का पंचांग दिन गुरुवार दिनांक 06/03/2025

                    ।। 🕉️ ।। 
        🚩🌞 सुप्रभातम् 🌞🚩
   📜««« आज का पंचांग »»»📜
 📜«««दिनाँक:- 06/03/2025»»»📜
📜««««««दिन गुरुवार »»»📜



कलियुगाब्द.......................5126
विक्रम संवत्......................2081
शक संवत्.........................1946
मास...............................फाल्गुन
पक्ष...................................शुक्ल
तिथी.................................सप्तमी
प्रातः 10.53 पर्यंत पश्चात अष्टमी
रवि..............................उत्तरायण
सूर्योदय.......प्रातः 06.44.58 पर
सूर्यास्त........संध्या 06.32.05 पर
सूर्य राशि...........................कुम्भ
चन्द्र राशि..........................वृषभ
गुरु राशि...........................वृषभ
नक्षत्र.............................रोहिणी
रात्रि 12.07 पर्यंत पश्चात मृगशीर्ष
योग..............................विष्कुम्भ
रात्रि 08.32 पर्यंत पश्चात प्रीती
करण..............................वणिज
प्रातः 10.53 पर्यंत पश्चात विष्टि
ऋतु...................(तपस्य) शिशिर
दिन...............................गुरुवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :--*
06 मार्च सन 2025 ईस्वी ।

👁‍🗨  *अभिजित मुहूर्त :-*

प्रातः 12.14 से 01.01 तक  ।



👁‍🗨 *राहुकाल :-*
दोपहर 02.05 से 03.33 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*कुम्भ*
05:38:44 07:17:00
*मीन*
07:17:00 08:43:29
*मेष*
08:43:29 10:24:14
*वृषभ*
10:24:14 12:22:53
*मिथुन*
12:22:53 14:36:36
*कर्क*
14:36:36 16:52:46
*सिंह*
16:52:46 19:04:34
*कन्या*
19:04:34 21:15:14
*तुला*
21:15:14 23:29:52
*वृश्चिक*
23:29:52 25:46:02
*धनु*
25:46:02 27:51:38
*मकर*
27:51:38 29:38:44

🚦 *दिशाशूल :-*
दक्षिणदिशा - यदि आवश्यक हो तो दही या जीरा का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक........................6
🔯 शुभ रंग.......................पीला

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 11.09 से 12.37 तक चंचल
दोप. 12.37 से 02.04 तक लाभ
दोप. 02.04 से 03.04 तक अमृत
सायं 05.00 से 06.27 तक शुभ
सायं 06.27 से 08.00 तक अमृत
रात्रि 08.00 से 09.32 तक चंचल

📿 *आज का मंत्र :-*
॥ ॐ आमोदाय नमः ॥

📢 *सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (एकादशोऽध्यायः - विश्वरूपदर्शनयोग:) -*
श्रीभगवानुवाच -
कालोऽस्मि लोकक्षयकृत्प्रवृद्धो लोकान्समाहर्तुमिह प्रवृत्तः ।
ऋतेऽपि त्वां न भविष्यन्ति सर्वे येऽवस्थिताः प्रत्यनीकेषु योधाः ॥११- ३२॥
अर्थात :
श्री भगवान बोले- मैं लोकों का नाश करने वाला बढ़ा हुआ महाकाल हूँ। इस समय इन लोकों को नष्ट करने के लिए प्रवृत्त हुआ हूँ। इसलिए जो प्रतिपक्षियों की सेना में स्थित योद्धा लोग हैं, वे सब तेरे बिना भी नहीं रहेंगे अर्थात तेरे युद्ध न करने पर भी इन सबका नाश हो जाएगा॥32॥ 

🍃 *आरोग्यं :-*
*जैतून की पत्तियां के औषधीय अनुप्रयोग :-*

*4. हाइपरटेंशन -*
चिन्ता, परेशानी व गुस्सा हमारे दिल दिमाग व शरीर के दूसरे भागों को भी प्रभावित करता है। धूम्रपान, मोटापा और मधुमेह आदि के कारण हाइपरटेंशन के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में आपको जैतून की पत्तियों का सेवन करना चाहिए। इसमें मौजूद तत्व रक्त वाहि‍नि‍यों को आराम देते हैं और नलिकाओं में जमने वाले रक्त के थक्के को रोकने में बेहदद मददगार है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
आज प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। धनार्जन होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। प्रमाद न करें। व्यापार-व्यवसाय में इच्छित लाभ की संभावना है। भाइयों की मदद मिलेगी। संपत्ति के लेनदेन में सावधानी रखें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर होगी। धन की आवक बनी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य न करें। लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रयत्न करें, सफलता मिलेगी। शुभ कार्यों में संलग्न होने से सुयश एवं सम्मान प्राप्त हो सकेगा। व्यापारिक निर्णय लेने में देर नहीं करें।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से सहयोग मिलेगा। संतान के कार्यों पर नजर रखें। पूँजी निवेश बढ़ेगा। प्रचार-प्रसार से दूर रहें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज घर में क्रोध पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दु:खद समाचार मिल सकता है। चिंता बनी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय में सावधानी रखें। वास्तविकता को महत्व दें। प्रयासों में सफलता के योग कम हैं। परिवार में कलह-कलेश का माहौल रह सकता है।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शत्रु शांत रहेंगे। धनार्जन होगा। आज विशेष लाभ होने की संभावना है। बुद्धि एवं मनोबल से सुख-संपन्नता बढ़ेगी। व्यापार में कार्य का विस्तार होगा। सगे-संबंधी मिलेंगे।

👧 *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
मेहमानों का आवागमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। मान बढ़ेगा। जल्दबाजी न करें। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। पराक्रम में वृद्धि होगी। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। अभिष्ट कार्य की सिद्धि के योग हैं। उलझनों से मुक्ति मिलेगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। भेंट आदि की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में उन्नति के योग हैं। संतान की ओर से सुखद स्थिति बनेगी। प्रयास की मात्रा के अनुसार लाभ की अधिकता रहेगी। अपनी वस्तुएँ संभालकर रखें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
वाणी पर नियंत्रण रखें। अप्रत्याशित बड़े खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है, जोखिम न लें। अजनबी व्यक्ति पर विश्वास न करें। उदर विकार के योग के कारण खान-पान पर संयम रखें। विवादों से दूर रहना चाहिए। आर्थिक प्रगति में रुकावट आ सकती है।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। परिवार की समस्याओं की चिंता रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ अधिकाधिक लेना चाहिए। नवीन उपलब्धियों की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
नए अनुबंधों का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। पूछ-परख रहेगी। रुके कार्य बनेंगे। जोखिम न लें। वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। व्यवहार कुशलता एवं सहनशीलता के बल पर आने वाली बाधाओं का समाधान हो सकेगा। खानपान पर नियंत्रण रखें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। धनार्जन होगा। प्रमाद न करें। संतान के कार्यों से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नेतृत्व गुण की प्रधानता के कारण प्रशासन व नेतृत्व संबंधी कार्य सफल होंगे। शत्रुओं से सावधान रहें।

 *राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। दूसरों की जमानत न लें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पारिवारिक जीवन में तनाव हो सकता है। व्यापार में नई योजनाओं से लाभ के योग हैं। स्थायी संपत्ति क्रय करने के योग बनेंगे। प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भेंट होगी।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

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