मुर्शिदाबाद: में फिर से लौट रही जिंदगी पटरी पर , 10 दिन बाद स्कूल खुले ; जानें लोगों की राय ....
हाल में, वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कई इलाकों में हुई झड़पों में तीन लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग बेघर हो गए.
कोलकाता:वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जो हिंसा हुई, उसकी वजह से स्थानीय लोगों की जिंदगी का ठहर गई थी. हालांकि अब फिर से लोगों की जिंदगी पटरी पर आ रही है. नतीजतन लोग फिर से अपने काम पर वापस लौट रहे हैं. इसके साथ ही हिंसा प्रभावित इलाकों में दुकाने भी खुलने का सिलसिला शुरू हो चुका है. यहां अब बच्चों के स्कूल भी 10 दिन बाद स्कूल खुल गए हैं. 11 अप्रैल को हुई हिंसा के कारण स्कूल बंद कर दिए गए थे.
इस बीच एक शख्स ने कहा कि धुलियान में अब स्थिति बेहतर है. अब कोई समस्या नहीं है. पहले कभी यहां ऐसी घटना नहीं हुई. मुर्शिदाबाद के ही एक अन्य शख्स देव कुमार साहा ने कहा कि आज 10 दिनों के बाद स्कूल खुल गए हैं... हिंसा के कारण छात्रों के लिए स्कूल और ट्यूशन बंद कर दिए गए थे. इससे उनकी पढ़ाई पर बहुत असर पड़ने वाला है.
NCW की टीम ने किया हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की टीम ने पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद रविवार को राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस से मुलाकात की. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में आयोग के सदस्यों ने कोलकाता स्थित राजभवन में मुलाकात की. उन्होंने राज्यपाल को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने मीडिया से बात करते हुए बताया, "हमने राज्यपाल से मुलाकात की और अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान जो भी देखा और सुना है, उसके बारे में राज्यपाल को अवगत कराया है. मैंने यह भी कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार को महिलाओं और उनके परिवारों की रक्षा के लिए बहुत सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि उन्हें राहत मिले और डर का माहौल खत्म हो जाए."
पीड़ित महिलाओं की आपबीती
राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने 18 और 19 अप्रैल को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने पीड़ित महिलाओं की आपबीती सुनी. मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान की महिलाओं ने केंद्र से हिंसा प्रभावित इलाकों में स्थायी रूप से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) शिविर स्थापित करने का आग्रह किया है, ताकि सांप्रदायिक अशांति के बाद उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
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